श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर प्रधानमंत्री ने दी श्रद्धांजलि, कहा—देश की एकता के लिए दिया अमर बलिदान
- Post By Admin on Jul 06 2025

नई दिल्ली : भारतीय जनसंघ के संस्थापक और प्रखर राष्ट्रवादी नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने कहा कि मुखर्जी का बलिदान देश की एकता और अखंडता की अमिट गाथा है।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा— “राष्ट्र के अमर सपूत श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जन्म-जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि। देश की आन-बान और शान की रक्षा के लिए उन्होंने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उनके आदर्श और सिद्धांत विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में बहुमूल्य हैं।”
भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने भी किया नमन
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मुखर्जी को नमन करते हुए कहा,
“अपने प्रखर राष्ट्रवादी विचारों से मां भारती को गौरवान्वित करने वाले महान विचारक, करोड़ों कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्रोत और भाजपा के वैचारिक आधार स्तंभ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को जन्म-जयंती पर कोटिश: नमन।”
नड्डा ने कहा कि, “जम्मू-कश्मीर से दो विधान, दो निशान और दो प्रधान समाप्त करने के लिए उन्होंने अपने जीवन का बलिदान दिया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में धारा 370 हटाकर उनका सपना साकार किया गया। यह देश के लिए उनका अमर योगदान है।”
कश्मीर के लिए दिया था जीवन
श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने धारा 370 का कड़ा विरोध किया था और भारत में एक संविधान, एक प्रधान और एक निशान की वकालत की थी। 1952 में जम्मू में एक विशाल रैली में उन्होंने संकल्प लिया था— “या तो मैं आपको भारतीय संविधान दिलाऊंगा या इसके लिए अपना जीवन बलिदान कर दूंगा।”
1953 में वह बिना परमिट के जम्मू-कश्मीर गए, जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 23 जून 1953 को जेल में रहस्यमय हालात में उनकी मृत्यु हो गई। आज भी यह मौत राजनीतिक विवाद का विषय बनी हुई है।
भाजपा के लिए वैचारिक आधार
भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा में मुखर्जी का योगदान मूल स्तंभ के रूप में देखा जाता है। पार्टी की वेबसाइट पर भी उन्हें राष्ट्रीय एकता, अनुच्छेद 370 के विरोध और राष्ट्रवाद के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
मुखर्जी ने ही संसद में अनुच्छेद 370 को भारत की एकता के लिए खतरा बताया था और इसे हटाने की वकालत की थी। आज उनका बलिदान देश में एक संविधान, एक निशान और एक प्रधान की भावना को मजबूत करता है।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती सिर्फ एक श्रद्धांजलि का अवसर नहीं, बल्कि राष्ट्रवाद, आत्मनिर्भरता और अखंड भारत की विचारधारा को दोहराने का क्षण बन गई है। प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा नेताओं ने उनके बलिदान को याद कर देशवासियों को संविधान और राष्ट्रभक्ति के प्रति समर्पण का संदेश दिया है।