बिहार चुनाव : छठ के बाद प्रवासी मतदाताओं को रोकने के लिए भाजपा ने तैयार की रणनीति

  • Post By Admin on Oct 23 2025
बिहार चुनाव : छठ के बाद प्रवासी मतदाताओं को रोकने के लिए भाजपा ने तैयार की रणनीति

पटना : बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर है और भाजपा की चिंता अब प्रवासी मतदाताओं के पलायन को लेकर बढ़ गई है। छठ पूजा 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक मनाई जाएगी, और इस दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे बिहारवासी अपने घरों की ओर लौटेंगे। परंपरा के अनुसार, ये प्रवासी मतदाता छठ पूजा संपन्न होने के बाद अपने-अपने कामकाजी क्षेत्रों में लौट जाते हैं। इस बार चुनाव भी छठ के ठीक बाद होने वाला है, इसलिए भाजपा ने उन्हें मतदान तक रोकने के लिए व्यापक योजना तैयार की है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस बार लगभग 48 लाख प्रवासी मतदाता छठ पूजा मनाने के लिए बिहार लौटेंगे। इनमें 45.78 लाख घरेलू प्रवासी और 2.17 लाख विदेश में कार्यरत बिहारी शामिल हैं। यह सभी लोग साल में एक बार ही अपने गृहप्रदेश आते हैं और त्योहार के बाद अपने कर्मस्थल लौटने को प्राथमिकता देते हैं।

भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने पूरे प्रदेश में बूथ-स्तरीय अभियान शुरू कर दिया है। इसके तहत कार्यकर्ता घर-घर जाकर प्रवासी मतदाताओं से सीधे संपर्क कर रहे हैं और उन्हें मतदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। साथ ही उन्हें यह समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि लोकतंत्र में मतदान का मूल्य क्या है और अपने वोट का महत्व कैसे तय होता है।

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "हम समझते हैं कि छठ के बाद आम बिहारी के लिए अपने प्रदेश में रुकना आसान नहीं होता। उन्हें नौकरी गंवाने का डर रहता है और वे अक्सर जल्दी लौट जाते हैं। इसलिए पार्टी का फोकस यह है कि वे मतदान तक प्रदेश में बने रहें और अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी निभाएं।"

आंकड़ों की बात करें तो प्रवासी मतदाताओं की सबसे अधिक संख्या पूर्वी चंपारण (6.14 लाख), पटना (5.68 लाख), सीवान (5.48 लाख), मुजफ्फरपुर (4.31 लाख) और दरभंगा (4.3 लाख) में है। ये सभी जिले पहले चरण के मतदान (6 नवंबर) के तहत आते हैं। इसलिए पार्टी ने इन जिलों में विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।

भाजपा के बूथ कार्यकर्ता, जिला अध्यक्ष और युवा मोर्चा सदस्य घर-घर संपर्क अभियान के तहत मतदाताओं को मतदान की प्रक्रिया और समय पर बने रहने की जानकारी दे रहे हैं। इसके अलावा, पार्टी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि प्रवासी मतदाता अपनी यात्रा पहले चरण के मतदान समाप्त होने के बाद ही करें।

विश्लेषकों का मानना है कि बिहार विधानसभा चुनाव में प्रवासी मतदाताओं की भूमिका निर्णायक हो सकती है। उनकी संख्या और उनके मतदान पैटर्न पर चुनाव परिणाम सीधे निर्भर होंगे। इसलिए सभी राजनीतिक दल, विशेषकर भाजपा, इस वर्ग को प्रभावित करने और उनके मतदान तक बने रहने के लिए सक्रिय रणनीतियां अपना रहे हैं।

छठ पूजा के दौरान प्रवासी मतदाता घर लौटने के साथ ही प्रदेश में सामाजिक और पारिवारिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। इसे देखते हुए राजनीतिक दलों के लिए यह चुनौती और भी गंभीर हो जाती है कि वे उन्हें उत्सव के दौरान मतदाता सूची और मतदान के महत्व से जोड़कर बनाए रखें।

इस प्रकार, बिहार चुनाव में प्रवासी मतदाता केवल संख्या के मामले में नहीं बल्कि रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। भाजपा की योजना यह सुनिश्चित करने की है कि छठ के बाद भी यह समूह अपने मतदान अधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रदेश में रहे, जिससे चुनावी प्रभाव अधिकतम हो सके।