बिहार में 22 नवंबर से पहले चुनाव, मतदाताओं को मिलेगी नई सुविधाएं और डिजिटल सुधार
- Post By Admin on Oct 05 2025
पटना : मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को स्पष्ट किया कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, और उससे पहले ही राज्य में चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस बार बिहार से कई नई पहलें शुरू हो रही हैं, जो आगे पूरे देश में लागू की जाएंगी।
पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीईसी ने बताया कि बिहार में कुल 243 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें दो सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) और 38 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए आरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की पूरी टीम दो दिनों से बिहार में है और इस दौरान राजनीतिक दलों, जिलाधिकारियों, पुलिस अधिकारियों, प्रवर्तन एजेंसियों तथा नोडल अधिकारियों के साथ व्यापक समीक्षा बैठकें की गई हैं।
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि इस बार बूथ लेवल अफसरों (बीएलओ) और एजेंटों की ट्रेनिंग की प्रक्रिया पूरी तरह बदली गई है। पहली बार बिहार के सभी बीएलओ की ट्रेनिंग दिल्ली के भारतीय निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) में कराई गई। लगभग 700 बीएलओ और सुपरवाइजरों ने यह प्रशिक्षण पूरा किया है। इसके साथ ही पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग भी दिल्ली में कराई जा रही है, जो अब तक केवल राज्य स्तर पर होती थी।
उन्होंने बताया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को 24 जून से शुरू कर समय पर पूरा कर लिया गया है। अब मतदाताओं को 15 दिनों के भीतर वोटर आईडी कार्ड उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। मतदाताओं की पहचान में सुविधा के लिए बूथ लेवल अधिकारियों को भी फोटो पहचान पत्र दिए जा रहे हैं।
एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए सीईसी ने कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से देश में पहली बार मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को अपने मोबाइल फोन रखने की अनुमति दी जाएगी। इसका सफल ट्रायल उपचुनावों में किया जा चुका है। इसके अलावा, मतदाताओं को दी जाने वाली स्लिप में अब बूथ नंबर और पता बड़े अक्षरों में अंकित रहेगा, ताकि उन्हें मतदान केंद्र तक पहुँचने में आसानी हो।
उन्होंने यह भी बताया कि अब पोलिंग बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे, जिससे लंबी कतारों की समस्या नहीं होगी। चुनाव आयोग ने अब तक 40 एप्लिकेशन तैयार की हैं, जिन्हें मिलाकर एक समेकित डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया गया है, जिसका प्रयोग बिहार से शुरू किया जाएगा।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि “बिहार से शुरू हुई ये नई व्यवस्थाएँ पूरे देश में चुनावी सुधार की दिशा में एक नया अध्याय खोलेंगी।”