भाभी जी घर पर हैं जैसे हिट सीरियल्स के लेखक मनोज संतोषी का निधन, हास्य जगत में शोक की लहर

  • Post By Admin on Mar 25 2025
भाभी जी घर पर हैं जैसे हिट सीरियल्स के लेखक मनोज संतोषी का निधन, हास्य जगत में शोक की लहर

बुलंदशहर : छोटे पर्दे पर अपनी लेखनी से हंसी की बौछार करने वाले मशहूर लेखक मनोज संतोषी अब इस दुनिया में नहीं रहे। 'भाभी जी घर पर हैं', 'हप्पू की उलटन-पलटन' और 'जीजा जी छत पर हैं' जैसे सुपरहिट धारावाहिकों से दर्शकों को गुदगुदाने वाले मनोज संतोषी का निधन रविवार शाम हैदराबाद के एक अस्पताल में हो गया। महज 49 साल की उम्र में उनका इस तरह दुनिया छोड़ जाना टीवी जगत के लिए गहरी क्षति है।

उनकी अंतिम यात्रा मंगलवार सुबह पैतृक गांव रामघाट, बुलंदशहर में निकाली जाएगी और गंगा किनारे अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम संस्कार में 'भाभी जी घर पर हैं' के अनूप उपाध्याय और रोहिताश्व गौड़ समेत कई कलाकार शामिल होंगे। 'आश्रम 3' के एक कलाकार के पहुंचने की भी खबर है।

गायक बनने का सपना लेकर निकले थे, किस्मत ने बना दिया हंसी का बादशाह

रामघाट कस्बे में 1976 में जन्मे मनोज संतोषी शुरू से गायक बनना चाहते थे। इंटर कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर वह मुंबई पहुंचे, मगर किस्मत ने उन्हें टीवी इंडस्ट्री में लेखक बना दिया। फिर उन्होंने अपनी कलम से वह कर दिखाया, जिससे पूरा देश हंसी में डूब गया।

अधूरी रह गई वेब सीरीज और हॉरर कॉमेडी फिल्म

मनोज संतोषी अलीगढ़ की पृष्ठभूमि पर एक वेब सीरीज बनाने वाले थे, जिसकी तैयारियां भी पूरी हो चुकी थीं। अगस्त 2024 में वह लोकेशन फाइनल करने अलीगढ़ आए थे। इसके अलावा वह एक हॉरर कॉमेडी फिल्म भी लिख चुके थे, जिसमें निर्माता संजय कोहली अपने बेटे रिहान को लॉन्च करने वाले थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और दोनों ही प्रोजेक्ट अधूरे रह गए।

अलीगढ़ से था खास लगाव, कचौड़ी-जलेबी के दीवाने थे

मनोज संतोषी का अलीगढ़ से खास लगाव था। यहां की कचौड़ी और जलेबी उन्हें बेहद पसंद थी। 'भाभी जी घर पर हैं' में अलीगढ़ के ही सुमित सराफ और संजय माहेश्वरी को भी उन्होंने एक्टिंग का मौका दिया था।

माहेश्वरी क्रिएटिव क्लब के संजय माहेश्वरी ने कहा, "मनोज भाई ने पूरी जिंदगी लोगों को हंसाया, लेकिन उनका आखिरी वक्त बहुत भारी था। अब वह हमेशा के लिए हंसते-हंसाते चले गए।" शेखर सराफ मेमोरियल के सुमित सराफ ने बताया, "हर साल माता रानी के जगराते में वह अलीगढ़ आते थे। बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। अब एक अच्छा दोस्त आंखों में आंसू छोड़कर चला गया।" टीवी और कॉमेडी जगत ने एक बेहतरीन लेखक खो दिया है, जिसकी कमी लंबे समय तक खलेगी।