फर्जी डिग्री घोटाला : यूनिवर्सिटी चांसलर के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्यवाई, 20 करोड़ की संपत्ति जब्त
- Post By Admin on Jul 23 2025

शिलांग : मेघालय की चर्चित सीएमजे यूनिवर्सिटी के चांसलर चंद्रमोहन झा पर फर्जी डिग्रियों की बिक्री से करोड़ों की काली कमाई करने का आरोप अब ठोस कार्यवाई में तब्दील हो गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को झा और उनके परिवार की 20.28 करोड़ रुपए की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त कर ली है। यह कार्यवाई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई है।
क्या है पूरा मामला?
ईडी की जांच के मुताबिक, सीएमजे यूनिवर्सिटी पर पैसे लेकर फर्जी डिग्रियां और प्रमाणपत्र बांटने का आरोप है। एजेंसी ने बताया कि विश्वविद्यालय ने इस गोरखधंधे के ज़रिए करीब 83 करोड़ रुपए की अवैध कमाई की। शिकायत मेघालय के तत्कालीन राज्यपाल आर.एस. मूशाहरी के निर्देश पर 2013 में आईएएस अधिकारी एम.एस. राव द्वारा दर्ज कराई गई थी, जिसके आधार पर CID और फिर ED ने जांच शुरू की।
कहां की गई संपत्ति जब्त?
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नई दिल्ली स्थित 4 अचल संपत्तियां, जिनकी अनुमानित कीमत 19.28 करोड़ रुपए है।
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1 करोड़ रुपए का बैंक बैलेंस, जिसे परिवार के एक सदस्य के नाम पर छिपाने की कोशिश की गई थी।
ईडी के अनुसार, इन संपत्तियों की खरीद 2013 से 2022 के बीच की गई थी। वहीं बैंक ट्रांजैक्शन 16 दिसंबर 2024 को किया गया, जिसे मनी ट्रेल छिपाने की साजिश बताया गया है। ईडी ने 3 जुलाई 2025 को इन संपत्तियों को कुर्क करने का अनंतिम आदेश जारी किया था, जिसे अब सार्वजनिक किया गया है।
बड़े सवाल और जांच की अगली कड़ी
यह मामला सिर्फ एक निजी विश्वविद्यालय के भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल है।
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क्या ऐसे विश्वविद्यालयों को अनुमति देने में प्रशासन की भूमिका भी जांच के घेरे में आएगी?
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क्या डिग्री खरीदने वालों की सूची सार्वजनिक की जाएगी?
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चंद्रमोहन झा और उनके सहयोगियों पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है?
फिलहाल, ईडी ने इस मामले में आगे की कानूनी कार्यवाही के संकेत दिए हैं। झा और उनके परिवार को जल्द पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है। यह मामला देशभर के छात्रों और शिक्षाविदों के लिए एक चेतावनी है कि डिग्री का बाजार जितना बड़ा होगा, शिक्षा की साख उतनी ही गिरती जाएगी।