अनिल अंबानी 17,000 करोड़ रुपए के लोन घोटाले में ईडी के सामने हुए पेश, मनी लॉन्ड्रिंग की जांच तेज

  • Post By Admin on Aug 05 2025
अनिल अंबानी 17,000 करोड़ रुपए के लोन घोटाले में ईडी के सामने हुए पेश, मनी लॉन्ड्रिंग की जांच तेज

मुंबई : अरबों रुपए के बैंक लोन घोटाले की जांच के सिलसिले में रिलायंस समूह (आरएएजीए) के चेयरमैन अनिल अंबानी मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में पेश हुए। उन्हें 17,000 करोड़ रुपए के कथित वित्तीय घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए तलब किया गया था।

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, अनिल अंबानी सुबह मुंबई स्थित अपने आवास से रवाना होकर सीधे ईडी मुख्यालय पहुंचे, जहां उनसे घंटों पूछताछ की गई। जांच एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उनके समूह की कंपनियों ने बैंकों से मिले लोन का दुरुपयोग कर, उसे शेल कंपनियों के जरिए डायवर्ट किया।

यस बैंक घोटाले से जुड़ते तार, 3,000 करोड़ के अवैध डायवर्जन का खुलासा

ईडी की कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर के बाद शुरू की गई थी, जिसमें यस बैंक लोन घोटाले का जिक्र था। ईडी के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से करीब 3,000 करोड़ रुपए का लोन अनियमित ढंग से स्वीकृत किया गया और उसका डायवर्जन किया गया।

ईडी को संदेह है कि लोन स्वीकृत होने से पहले ही यस बैंक के तत्कालीन प्रमोटरों और अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत दी गई। एजेंसी इस "लोन-इनसेंटिव सिंडिकेट" की परतें खोलने में जुटी है।

24 जुलाई से शुरू हुई थी छापेमारी, मिले कई डिजिटल सबूत

इससे पहले, पिछले सप्ताह मुंबई और दिल्ली में अनिल अंबानी के स्वामित्व वाले समूह के परिसरों और संबंधित लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। इस दौरान बड़ी मात्रा में दस्तावेज, हार्ड डिस्क, लैपटॉप और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए। छापेमारी के दौरान कई अहम वित्तीय लेनदेन और संदिग्ध कंपनियों के नेटवर्क का भी पता चला है।

जनता के पैसे से कथित हेराफेरी, जांच के घेरे में बैंक अधिकारी भी

ईडी के अनुसार, यह केवल कॉर्पोरेट धोखाधड़ी का मामला नहीं, बल्कि आम जनता, बैंकों, निवेशकों और शेयरधारकों के विश्वास से खिलवाड़ है। जांच एजेंसी का मानना है कि एक सुनियोजित साजिश के तहत बैंकों से लोन लेकर उन पैसों का दुरुपयोग किया गया और सार्वजनिक धन को निजी लाभ के लिए इधर-उधर किया गया।

ईडी अब यह भी जांच कर रही है कि इस पूरी प्रक्रिया में किस स्तर तक बैंक अधिकारी और यस बैंक के तत्कालीन शीर्ष प्रबंधन शामिल थे।

आगे की पूछताछ संभव, जांच के घेरे में कई और नाम

अनिल अंबानी से हुई पूछताछ के बाद ईडी जल्द ही इस मामले में कुछ और प्रमुख अधिकारियों और कंपनियों को समन भेज सकती है। एजेंसी इस घोटाले से जुड़े धन के लेन-देन, ऑफशोर खातों और लाभार्थियों की पहचान करने में जुटी है।

यह मामला भारत के कॉर्पोरेट इतिहास के सबसे बड़े लोन धोखाधड़ी मामलों में से एक बनता जा रहा है, जिस पर अब देश की शीर्ष जांच एजेंसियों की पैनी नजर है।