Z-Morh Tunnel: भारत के लिए गेमचेंजर, पाकिस्तान और चीन की बढ़ी बेचैनी
- Post By Admin on Jan 13 2025

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में स्थित जेड-मोड़ सुरंग को राष्ट्र के नाम समर्पित करेंगे। यह सुरंग न केवल एक बुनियादी ढांचा परियोजना है, बल्कि भारत की रणनीतिक और आर्थिक मजबूती का प्रतीक भी है। इस सुरंग ने जहां आम लोगों के लिए सुविधाएं बढ़ाई हैं। वहीं पाकिस्तान और चीन की नींद उड़ा दी है। आइए विस्तार से जानते हैं जेड-मोड़ सुरंग की विशेषताएं, इसके महत्व और इसके उद्घाटन के पीछे छिपे रणनीतिक उद्देश्य।
क्या है जेड-मोड़ सुरंग?
जेड-मोड़ सुरंग जम्मू-कश्मीर के गंदरबल जिले के गगनगीर इलाके में श्रीनगर-लेह राजमार्ग (NH-1) पर स्थित है। यह 6.5 किलोमीटर लंबी सुरंग 2,400 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है।
सुरंग का नाम उस क्षेत्र की ज़ेड-आकार की सड़क के आधार पर रखा गया है। यह सुरंग सोनमर्ग और लद्दाख के बीच स्थित है, जो बर्फबारी के कारण सर्दियों में बंद हो जाने वाले इस मार्ग को सालभर चालू रखने में मदद करेगी। यह सुरंग 8,500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है। परियोजना का काम 2012 में शुरू हुआ था और इसे राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) ने पूरा किया।
भारत के लिए क्यों खास है जेड-मोड़ सुरंग?
जेड-मोड़ सुरंग केवल एक सुरंग नहीं है, बल्कि यह भारत की रणनीतिक और आर्थिक जरूरतों को पूरा करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है।
1. सालभर कनेक्टिविटी: यह सुरंग श्रीनगर से सोनमर्ग और लद्दाख के बीच सालभर संपर्क सुनिश्चित करेगी।
2. पर्यटन को बढ़ावा: सोनमर्ग जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल तक पहुंच आसान होगी, जिससे पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।
3. सैन्य महत्व: यह सुरंग भारत की सैन्य रणनीति में एक अहम भूमिका निभाएगी। लद्दाख जैसे संवेदनशील क्षेत्र में सेना की तेज़ और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित होगी।
4. आपदा प्रबंधन: हिमस्खलन और खराब मौसम के दौरान भी इस सुरंग के माध्यम से आवागमन संभव होगा।
पाकिस्तान और चीन की क्यों उड़ी नींद?
जेड-मोड़ सुरंग के उद्घाटन के बाद भारत की सीमाओं पर सैन्य ताकत और रणनीतिक प्रभुत्व और मजबूत हो गया है।
सुरंग के माध्यम से लद्दाख में सैनिकों और हथियारों की तेज़ तैनाती संभव होगी। वहीं, कारगिल युद्ध के दौरान सेना को सीमा तक आपूर्ति पहुंचाने में काफी मुश्किलें हुई थीं। अब जेड-मोड़ और जोजिला सुरंगें इन समस्याओं को दूर करेंगी।
जम्मू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वीरेंद्र कौंडल के अनुसार, इन सुरंगों के निर्माण से भारत का पाकिस्तान और चीन पर भू-रणनीतिक प्रभुत्व बढ़ेगा।
सुरंग निर्माण में आतंकवादियों की रुकावटें
जेड-मोड़ सुरंग के निर्माण को रोकने के लिए आतंकवादियों ने कई बार हमले किए। हालांकि, सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन ने इन चुनौतियों का डटकर सामना किया। सुरंग का निर्माण जारी रहा और आज यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि बनकर सामने आई है।
भविष्य में जोजिला सुरंग से बढ़ेगा महत्व
जोजिला सुरंग के निर्माण के बाद जेड-मोड़ सुरंग का महत्व और बढ़ जाएगा। यह सुरंग सोनमर्ग को लद्दाख के द्रास से जोड़ेगी। इसके बाद लद्दाख और कश्मीर के बीच सालभर संपर्क संभव होगा।