Meta में AI से खतरा, इंजीनियर्स की नौकरी पर मंडराया संकट

  • Post By Admin on Jan 14 2025
Meta में AI से खतरा, इंजीनियर्स की नौकरी पर मंडराया संकट

नई दिल्ली: सोशल मीडिया और तकनीकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी मेटा (Meta) के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने एक बड़ा और चौंकाने वाला ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि कंपनी 2025 तक सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करेगी। यह घोषणा न केवल तकनीकी क्षेत्र में काम कर रहे पेशेवरों के लिए एक झटका है, बल्कि भविष्य में नौकरियों के स्वरूप को बदलने वाली है।

AI से इंजीनियरिंग में क्रांति

शुक्रवार को "जो रोगन एक्सपीरियंस" पॉडकास्ट में बात करते हुए जुकरबर्ग ने बताया कि मेटा और अन्य बड़ी तकनीकी कंपनियां ऐसी AI प्रणाली विकसित कर रही हैं, जो जटिल कोडिंग का काम इंसानों की तरह कर सके। उन्होंने कहा, "हम एक ऐसा AI बनाएंगे जो आपके कंपनी में काम करने वाले मध्यम स्तर के इंजीनियर की तरह काम कर सकेगा और कोड लिख सकेगा।"

जुकरबर्ग ने यह भी बताया कि वर्तमान में मेटा में मध्यम स्तर के सॉफ्टवेयर इंजीनियर को सालाना औसतन 500,000 डॉलर का भुगतान किया जाता है। AI के इस्तेमाल से इस खर्च को कम करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि शुरुआत में AI सिस्टम को स्थापित करने में भारी निवेश की आवश्यकता होगी।

मानव संसाधन और विविधता विभाग पर असर

AI के बढ़ते उपयोग के बीच मेटा ने अपने मानव संसाधन विभाग में भी बड़े बदलाव किए हैं। एक आंतरिक नोट के अनुसार, कंपनी ने अपने "विविधता, समानता और समावेशिता" (DEI) विभाग को बंद करने का फैसला किया है। इस विभाग का काम कंपनी में विविधता और समानता को बढ़ावा देना था।

मेटा की उपाध्यक्ष जनेल गेल द्वारा जारी नोट में कहा गया कि यह कदम कंपनी की नई प्राथमिकताओं के तहत उठाया गया है। हालांकि, इस फैसले की आलोचना हो रही है, क्योंकि DEI विभाग को बंद करना सामाजिक जिम्मेदारी से पीछे हटने जैसा माना जा रहा है।

तथ्य जांच में भी बदलाव

मेटा ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए अपनी तथ्य जांच प्रक्रिया में बदलाव की घोषणा की है। अब कंपनी तीसरे पक्ष द्वारा की जाने वाली तथ्य जांच की जगह समुदाय द्वारा की जाने वाली जांच का इस्तेमाल करेगी। यह वही तरीका है, जिसे एलन मस्क ने अपने "एक्स" (पूर्व में ट्विटर) प्लेटफॉर्म पर लागू किया है।

तथ्य जांच करने वाली संस्थाओं ने इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे "गलत कदम" बताया है। उन्होंने जुकरबर्ग को एक खुला पत्र लिखकर कहा कि यह निर्णय गलत सूचनाओं को रोकने के प्रयासों को कमजोर कर सकता है।