प्रधानमंत्री मोदी ने दी भगवान जगन्नाथ रथयात्रा की शुभकामनाएं, कहा- जगन्नाथ हैं, तो जीवन है

  • Post By Admin on Jun 27 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने दी भगवान जगन्नाथ रथयात्रा की शुभकामनाएं, कहा- जगन्नाथ हैं, तो जीवन है

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथयात्रा के शुभारंभ पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से जारी संदेश में उन्होंने देश में सुख-समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। पीएम मोदी ने कहा, “भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पवित्र अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी ढेरों शुभकामनाएं। श्रद्धा और भक्ति का यह पावन उत्सव हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए, यही कामना है। जय जगन्नाथ!”

प्रधानमंत्री ने अपने पोस्ट के साथ एक विशेष वीडियो संदेश भी साझा किया, जिसमें उन्होंने रथयात्रा के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “महाप्रभु हमारे लिए अराध्य भी हैं, प्रेरणा भी हैं। जगन्नाथ हैं, तो जीवन है। भगवान जगन्नाथ जनता जनार्दन को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं, यह अपने आप में अपार श्रद्धा और एकता का प्रतीक है।”

उन्होंने आगे कहा कि यह रथयात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना का भी प्रतीक है। पीएम मोदी ने विशेष रूप से ओडिशा के पुरी में आयोजित रथयात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी “विशिष्ट पहचान और भव्यता पूरी दुनिया में विख्यात है।" उन्होंने यह भी सराहा कि इस आयोजन में हर वर्ग और समाज के लोग मिलकर भाग लेते हैं, जो भारतीय संस्कृति की एकता और समरसता का प्रतीक है।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने आषाढ़ी बीज के अवसर पर दुनियाभर के कच्छी समुदाय को भी बधाई दी। उन्होंने लिखा, “आषाढ़ी बीज के विशेष अवसर पर, विशेष रूप से दुनिया भर के कच्छी समुदाय को शुभकामनाएं। आने वाला वर्ष सभी के लिए शांति, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए।”

गौरतलब है कि भगवान जगन्नाथ की यह रथयात्रा देश के विभिन्न हिस्सों में मनाई जाती है, लेकिन ओडिशा के पुरी में आयोजित यात्रा विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यह यात्रा गुंडिचा मंदिर तक जाती है और कुल 12 दिन तक चलती है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान जगन्नाथ हर वर्ष अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ अपनी मौसी के घर (गुंडिचा मंदिर) जाते हैं। यात्रा के दौरान व्यापक स्तर पर धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

इस वर्ष रथयात्रा का समापन 15 जुलाई को नीलाद्रि विजय के साथ होगा, जब भगवान जगन्नाथ पुनः अपने मूल मंदिर में लौटेंगे।