मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया, भारत लाने की तैयारी, जानिए प्रत्यर्पण कानून क्या है

  • Post By Admin on Apr 14 2025
मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया, भारत लाने की तैयारी, जानिए प्रत्यर्पण कानून क्या है

नई दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी को आखिरकार बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। भारत सरकार ने उसे पकड़ने के लिए बेल्जियम पर दबाव बनाया था, और अब प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे जल्द ही भारत लाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। मेहुल चोकसी को लेकर यह गिरफ्तारी उस कानून के तहत हुई है, जिसे हम "प्रत्यर्पण कानून" के नाम से जानते हैं।

क्या है प्रत्यर्पण कानून?
प्रत्यर्पण एक जटिल कानूनी प्रक्रिया है, जिसके जरिए किसी देश के नागरिक को एक क्षेत्राधिकार से दूसरे क्षेत्राधिकार में अपराध के लिए लाया जाता है। यह अंतरराष्ट्रीय कानून और संधियों के अधीन होता है और इसका उद्देश्य सीमा पार छिपे अपराधियों को न्याय के दायरे में लाना होता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर तब होती है जब कोई व्यक्ति एक देश में अपराध करके दूसरे देश में भाग जाता है।

कैसे काम करता है प्रत्यर्पण कानून?
जब एक देश दूसरे देश से किसी व्यक्ति को प्रत्यर्पित करने का अनुरोध करता है, तो वह अंतरराष्ट्रीय कानून या अपनी प्रतिपक्षी संधि के आधार पर अनुरोध पर विचार करता है। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया शुरू होती है, जिसमें जांच, गिरफ्तारी वारंट और प्रत्यर्पण आदेश शामिल होते हैं। कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद, अपराधी को उसके देश भेजा जाता है, ताकि उस पर मुकदमा चलाया जा सके। यह ध्यान रखना जरूरी है कि प्रत्यर्पण कानून उन मामलों में लागू होता है जहां अपराध दोनों देशों में अवैध होते हैं।

भारत की प्रत्यर्पण संधियां
भारत की अब तक 48 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि है और 12 देशों के साथ प्रत्यर्पण व्यवस्था की गई है। इन देशों में प्रमुख नाम शामिल हैं: यूएई, ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका, जर्मनी, बांग्लादेश, रूस, फ्रांस, नेपाल और सऊदी अरब। ये संधियां भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्यायिक सहयोग और अपराधियों के प्रत्यर्पण में सहायता प्रदान करती हैं।

मेहुल चोकसी का मामला इस बात का उदाहरण है कि किस तरह प्रत्यर्पण कानून अंतरराष्ट्रीय सीमा पार अपराधियों को पकड़ने और उन्हें न्याय के दायरे में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।