मुंबई में पारले ग्रुप के कई जगहों पर आयकर विभाग की छापेमारी

  • Post By Admin on Mar 07 2025
मुंबई में पारले ग्रुप के कई जगहों पर आयकर विभाग की छापेमारी

मुंबई : कई दशकों पुरानी बिस्किट निर्माता कंपनी पारले ग्रुप के विभिन्न स्‍थानों पर आज सुबह से आयकर विभाग द्वारा छापेमारी की जा रही है। आयकर विभाग की फॉरेन असेट यूनिट और मुंबई की इनकम टैक्‍स इन्‍वेस्टिगेशन विंग की टीम ने पारले ग्रुप के कार्यालयों और संयंत्रों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

हालांकि, अभी तक इस छापेमारी के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। आयकर विभाग ने कंपनी के दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है और संभावना जताई जा रही है कि जांच पूरी होने के बाद इसके कारणों का खुलासा किया जाएगा। छापेमारी का यह अभियान सुबह से ही चल रहा है और विभाग की टीमें कंपनी के विभिन्न दफ्तरों में पहुंची हैं।

पारले ग्रुप का FY24 में शानदार मुनाफा

पारले-जी बिस्कुट ब्रांड की बात करें तो कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 में शानदार मुनाफा दर्ज किया है। कंपनी का मुनाफा FY24 में दोगुना होकर 1,606.95 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि FY23 में यह मुनाफा 743.66 करोड़ रुपये था। इसके साथ ही पारले ग्रुप की ऑपरेशनल इनकम में भी दो प्रतिशत का इजाफा हुआ, जो अब 14,349.4 करोड़ रुपये हो गई है। कंपनी के रेवेन्यू में 5.31 फीसदी का उछाल आया है, जो 15,085.76 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि पारले-जी की डिमांड अभी भी बहुत मजबूत बनी हुई है।

पारले ग्रुप की शुरुआत और इतिहास

पारले ग्रुप की शुरुआत 1929 में हुई थी, और यह भारत के सबसे पुराने बिस्किट ब्रांड्स में से एक है। कंपनी का नाम मुंबई के विले-पार्ले इलाके से लिया गया था। पारले-जी बिस्कुट ने 1938 में पारले-ग्लूको (Parle-Gluco) नाम से अपना उत्पादन शुरू किया था और उस समय यह बिस्किट देशभर में काफी प्रसिद्ध हुआ था। आजादी से पहले इसे ग्लूको बिस्किट के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर पारले-जी रखा गया। पारले-जी का नाम भारतीय households में चाय के साथ खाए जाने वाले सबसे पसंदीदा बिस्किट के रूप में प्रसिद्ध हो गया।

कंपनी का कहना है कि 90 के दशक में यह बिस्किट चाय के साथ एक आदत बन गया था और अब भी यह भारतीय बाजार में अपनी स्थिति बनाए हुए है। पारले ग्रुप ने बीते दशकों में अपनी उत्पाद श्रेणी में विस्तार किया है और आज यह देश के सबसे बड़े बिस्किट निर्माता कंपनियों में से एक है।

क्या हो सकता है छापेमारी का कारण?

हालांकि, आयकर विभाग द्वारा की जा रही छापेमारी के कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हुए हैं, लेकिन उद्योग और वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि यह किसी तरह की कर चोरी, टैक्स से बचने की कोशिश, या फॉरेन असेट्स से जुड़ी जांच हो सकती है। आयकर विभाग के अधिकारियों ने फिलहाल इस पर टिप्पणी करने से मना किया है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि जांच के बाद इस मामले में अधिक जानकारी सामने आ सकती है।