भारत में आर्थिक गतिविधियों ने पकड़ी रफ्तार, पेट्रोल और डीजल की बढ़ी खपत
- Post By Admin on May 05 2025

नई दिल्ली : देश में इस साल अप्रैल के महीने में पेट्रोलियम उत्पाद जैसे डीजल, पेट्रोल और एलपीजी की खपत में बढ़त देखी गई है, जो देश में आर्थिक गतिविधियों में बढ़त को दिखाता है।
पीपीएसी के संकलित आंकड़ों के अनुसार भारत में डीजल की खपत बढ़ी
पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में भारत की डीजल खपत बढ़कर 8.24 मिलियन टन हो गई, जो अब तक दर्ज की गई दूसरी सबसे अधिक मासिक खपत है। इसकी वजह महीने के दौरान कृषि और परिवहन क्षेत्रों की डीजल की मांग बढऩा है।
बीते महीने अप्रैल 2024 में हाई बेस पर 4 प्रतिशत की सालाना वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष अप्रैल में लोकसभा चुनावों के लिए चुनावी प्रचार के कारण डीजल की खपत में दोहरे अंकों की वृद्धि हुई थी।
ईंधन की कुल बिक्री में डीजल की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है, और इसकी खपत में वृद्धि अर्थव्यवस्था के कृषि और लॉजिस्टिक्स दोनों क्षेत्रों में उच्च आर्थिक गतिविधि को दर्शाती है।
अप्रैल में पेट्रोल की खपत सालाना आधार पर 4.6प्रतिशत बढ़ी
अप्रैल में पेट्रोल की खपत सालाना आधार पर 4.6 प्रतिशत बढ़कर 3.44 मिलियन टन हो गई है। पिछले साल अप्रैल में लोकसभा चुनावों में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा किए गए जोरदार प्रचार अभियान के कारण पेट्रोल की खपत में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। यह वृद्धि एक हाई बेस पर हुई है जो अर्थव्यवस्था में वाहनों की बढ़ती बिक्री को दिखाती है।
LPG में भी 6.7 प्रतिशत की हुई वृद्धि
बीते महीने के दौरान एलपीजी की खपत में भी 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और मांग बढ़कर 2.62 मिलियन टन पर रही। एलपीजी की खपत में वृद्धि की वजह केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना भी है, जिसके कारण एलपीजी ईंधन तक गरीब परिवारों को भी पहुंच मिल सकी है। इसके अलावा, होटलों और रेस्तरां में ईंधन की व्यावसायिक खपत भी बढ़ी है।
आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल माह में वाणिज्यिक एयरलाइनों द्वारा एविएशन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) की खपत 7,66,000 टन दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष के इसी माह की तुलना में 3.25 प्रतिशत अधिक है।