दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला, अब सीटीईटी पास किए बिना नहीं पढ़ा सकेंगे शिक्षक
- Post By Admin on Mar 07 2025

नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) पास किए बिना कोई भी शिक्षक अपनी सेवा जारी नहीं रख सकेगा। यह आदेश सरकारी और निजी दोनों प्रकार के स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों पर लागू होगा, जिससे लगभग पांच लाख शिक्षकों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। 
एनसीटीई को चार सप्ताह में परीक्षा आयोजन की योजना बनाने का निर्देश
कोर्ट ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को आदेश दिया है कि वह चार सप्ताह के भीतर सीटीईटी परीक्षा के आयोजन की कार्ययोजना तैयार करे और हलफनामे के माध्यम से इसे कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करे। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि सभी शिक्षक इस परीक्षा में सम्मिलित हो सकें और अपनी सेवा जारी रख सकें। 
पुराने शिक्षकों के लिए मान्यता प्राप्त संस्थानों से डिग्री और डिप्लोमा लेना अनिवार्य
कोर्ट ने यह भी कहा है कि जो शिक्षक दशकों से पढ़ा रहे हैं लेकिन उन्होंने एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों से बीएड या शिक्षण संबंधी डिग्री या डिप्लोमा नहीं लिया है, उन्हें मान्यता प्राप्त संस्थानों से यह डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इसके बाद उन्हें सीटीईटी परीक्षा पास करनी होगी, तभी वे अपनी सेवा जारी रख सकेंगे। 
सीटीईटी की पात्रता मानदंड
सीटीईटी परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए उम्मीदवारों को निर्धारित शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा मानदंडों को पूरा करना आवश्यक होगा। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक नोटिफिकेशन में उल्लिखित पात्रता मानदंडों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और सुनिश्चित करें कि वे सभी आवश्यक योग्यताओं को पूरा करते हैं। 
अंतिम सुनवाई की तिथि
इस मामले में अगली सुनवाई 14 मई 2025 को होगी, जब कोर्ट एनसीटीई द्वारा प्रस्तुत कार्ययोजना पर विचार करेगा और आगे की कार्यवाही निर्धारित करेगा।
यह निर्णय शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सुनिश्चित करेगा कि सभी शिक्षक मान्यता प्राप्त और सक्षम हैं, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके।