कोयला आयात में 20.91 मिलियन टन की गिरावट, भारत ने बचाई 60,681 करोड़ की विदेशी मुद्रा : केंद्रीय मंत्री

  • Post By Admin on Jul 23 2025
कोयला आयात में 20.91 मिलियन टन की गिरावट, भारत ने बचाई 60,681 करोड़ की विदेशी मुद्रा : केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली : भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में कोयला आयात में 20.91 मिलियन टन की उल्लेखनीय कमी दर्ज कर विदेशी मुद्रा में 60,681.67 करोड़ रुपए की बचत की है। यह जानकारी केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने मंगलवार को राज्यसभा में दी।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्ष 2024-25 के दौरान देश ने कुल 243.62 मिलियन टन कोयला आयात किया, जबकि बीते वित्त वर्ष यानी 2023-24 में यह आंकड़ा 264.53 मिलियन टन था। इस गिरावट को सरकार की घरेलू उत्पादन बढ़ाने की रणनीति और आयात पर निर्भरता कम करने की दिशा में बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

घरेलू उत्पादन को दी जा रही प्राथमिकता

सरकार ने वर्ष 2029-30 तक 1.5 बिलियन टन घरेलू कोयला उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए फरवरी 2024 में एक नई कोयला रसद योजना और नीति शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य कोयला खनन से जुड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर सुदृढ़ करना है।

आयात निर्भरता घटाने की ठोस पहल

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कोयला ब्लॉकों का आवंटन आसान किया गया है और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने के साथ-साथ अनुमोदन प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है। इसके अतिरिक्त, फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (FMC) और डिजिटलीकरण जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाकर उत्पादन क्षमता को लगातार बढ़ाया जा रहा है।

घरेलू कोयले को प्रोत्साहन, आईएमसी की निगरानी

सरकार ने विदेशी कोयले के विकल्प के तौर पर घरेलू कोयले की खपत को बढ़ावा देने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति (IMC) का गठन किया है। समिति ने उन आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों की पहचान की है, जहां घरेलू कोयले की आपूर्ति संभव है।

सरकार की सक्रिय नीति और नियोजित रणनीतियों के परिणामस्वरूप भारत अब कोयले के मामले में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। आयात में गिरावट न केवल विदेशी मुद्रा की बचत कर रही है, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूती प्रदान कर रही है।