लीलावती अस्पताल के पूर्व ट्रस्टियों पर 1250 करोड़ का घोटाला और काले जादू का मामला दर्ज

  • Post By Admin on Mar 12 2025
लीलावती अस्पताल के पूर्व ट्रस्टियों पर 1250 करोड़ का घोटाला और काले जादू का मामला दर्ज

मुंबई : लीलावती अस्पताल के पूर्व ट्रस्टियों पर 1250 करोड़ रुपये के वित्तीय घोटाले और काले जादू के आरोप लगाए गए हैं, जिससे अस्पताल की प्रतिष्ठा पर गंभीर आघात पड़ा है। लीलावती अस्पताल, जो वैश्विक स्तर पर चिकित्सा सुविधाओं के लिए प्रसिद्ध है, अब एक बड़े वित्तीय घोटाले के कारण सुर्खियों में है। इस मामले में पूर्व ट्रस्टियों के खिलाफ कई आरोप दर्ज किए गए हैं, जिसमें जालसाजी, धन की हेराफेरी और काले जादू का इस्तेमाल करने का आरोप शामिल है।

घोटाले की पृष्ठभूमि और मुख्य आरोप

लीलावती अस्पताल के संस्थापक किशोरी मेहता 2002 में बीमार पड़ गए थे और इलाज के लिए विदेश चले गए थे। इस दौरान उनके भाई विजय मेहता ने ट्रस्ट को अस्थायी रूप से संभाला। आरोप है कि विजय मेहता ने दस्तावेजों में जालसाजी करके अपने बेटे और भतीजों को ट्रस्टी बना दिया और किशोरी मेहता को स्थायी ट्रस्टी पद से हटा दिया। यह मामला 2016 तक चला जब किशोरी मेहता ने अपनी स्थिति फिर से प्राप्त की। 2024 में किशोरी मेहता की मृत्यु के बाद उनके बेटे प्रशांत मेहता स्थायी ट्रस्टी बने और तब वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ।

•    पहली प्राथमिकी : इसमें 11.52 करोड़ रुपये की जालसाजी और दुरुपयोग के आरोप हैं, जिसमें मेफेयर रीयलटर्स और वेस्टा इंडिया में निवेश किए गए थे।

•    दूसरी प्राथमिकी : इसमें 44 करोड़ रुपये की कानूनी फीस के रूप में ठगी का आरोप है, जबकि कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की गई थी।
    
•    तीसरी प्राथमिकी : इसमें 1200 करोड़ रुपये से अधिक की अस्पताल सामग्री की खरीद में गड़बड़ी का आरोप है, जो इंटरनल ऑडिट में पाई गई।

आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की जांच

आयकर विभाग ने पूर्व ट्रस्टियों के खिलाफ 500 करोड़ रुपये की कर मांग का दावा किया है। इसके अलावा, गुजरात के एक वॉल्ट से 59 करोड़ रुपये मूल्य के आभूषण और कीमती वस्तुओं की चोरी का भी मामला जांच के दायरे में है। प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस घोटाले की जांच शुरू की है और पूर्व ट्रस्टियों के यूएई और बेल्जियम भाग जाने की सूचना है।

काले जादू के आरोप

प्रशांत मेहता और उनकी मां के खिलाफ काले जादू के साक्ष्य मिलने की शिकायत की गई है, जिसके तहत महाराष्ट्र एंटी-ब्लैक मैजिक एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह आरोप भी है कि पूर्व ट्रस्टियों ने उन्हें नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से यह काला जादू किया।

लीलावती अस्पताल की साख पर गहरा असर

इस घोटाले के कारण न केवल लीलावती अस्पताल की साख पर असर पड़ा है, बल्कि इसके संचालन पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं। अस्पताल के वित्तीय और नैतिक मामलों में भारी गड़बड़ी सामने आ रही है, जिससे अस्पताल की विश्वसनीयता पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।