जनधन योजना ने बदली गरीबों की आर्थिक तस्वीर, 55.90 करोड़ से अधिक खाते खोलने का रिकॉर्ड

  • Post By Admin on Aug 05 2025
जनधन योजना ने बदली गरीबों की आर्थिक तस्वीर, 55.90 करोड़ से अधिक खाते खोलने का रिकॉर्ड

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) ने देश के करोड़ों गरीब और वंचित लोगों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़ते हुए आर्थिक समावेशन की दिशा में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने मंगलवार को एक पोस्ट में कहा कि यह योजना वित्तीय सम्मान, आत्मनिर्भरता और समावेशन का प्रतीक बन चुकी है।

PMO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक लेख साझा किया, जिसमें बताया गया कि जनधन योजना के 11 वर्षों में कैसे यह स्कीम देश के सबसे गरीब तबके तक वित्तीय सेवाओं को पहुंचाने का सशक्त माध्यम बनी है।

55.90 करोड़ खाते, करोड़ों की उम्मीदें

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि अब तक 55.90 करोड़ से अधिक जनधन खाते खोले जा चुके हैं। अगस्त 2014 में शुरू की गई इस योजना के तहत लोगों को बेसिक सेविंग्स अकाउंट, रूपे डेबिट कार्ड और ओवरड्राफ्ट सुविधाएं प्रदान की गई हैं, जिससे बैंकिंग की पहुंच उन तक भी पहुंची, जो पहले इससे पूरी तरह वंचित थे।

आर्थिक सशक्तिकरण की श्रृंखला

PMJDY के अलावा सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत भी अब तक 53.85 करोड़ लोन स्वीकृत किए, जिनकी कुल राशि 35.13 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। यह योजना 20 लाख रुपए तक का जमानत-मुक्त ऋण प्रदान करती है, जिससे स्वरोजगार और लघु उद्यमों को प्रोत्साहन मिल रहा है।

इसके अतिरिक्त, सरकार ने स्टैंड-अप इंडिया, पीएम स्वनिधि, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) जैसी योजनाओं के माध्यम से SC/ST, महिलाओं, कारीगरों और स्ट्रीट वेंडर्स तक ऋण पहुंच का दायरा और अधिक व्यापक बनाया है।

क्रेडिट स्कोर और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बूस्ट

सरकार ने ग्रामीण आबादी, स्वयं सहायता समूहों और किसानों को वित्तीय सहायता देने हेतु ग्रामीण क्रेडिट स्कोर की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य उचित और पारदर्शी ऋण निर्णय सुनिश्चित करना है। तकनीक और वैकल्पिक डेटा स्रोतों की मदद से क्रेडिट असेसमेंट फ्रेमवर्क को मजबूत किया जा रहा है, जिससे औपचारिक ऋण प्रणाली की पहुंच में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद जताई गई है।

बदलाव की बुनियाद बनी जनधन योजना

विशेषज्ञों का कहना है कि जनधन योजना ने न केवल खातों की संख्या में बढ़ोतरी की है, बल्कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT), बीमा, और डिजिटल ट्रांजेक्शन को गांव-गांव तक पहुंचाकर वित्तीय क्रांति की नींव रख दी है।