भारत पर अमेरिकी दबाव की रणनीति बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती : विशेषज्ञ

  • Post By Admin on Sep 03 2025
भारत पर अमेरिकी दबाव की रणनीति बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती : विशेषज्ञ

वाशिंगटन : भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों के विशेषज्ञों का मानना है कि हाल के दिनों में ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत पर बनाए गए दबाव की रणनीति कारगर साबित नहीं हो रही है। उनका कहना है कि यह तरीका न तो संबंधों को मजबूत करता है और न ही भारत को अलग-थलग करने में सफल हो पाएगा।

सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) में भारत और उभरते एशिया अर्थशास्त्र के अध्यक्ष रिचर्ड रोसो ने व्हाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी। नवारो ने हाल में कहा था कि "भारत को रूस के बजाय अमेरिका के साथ रहना चाहिए।" इस पर रोसो ने स्पष्ट किया कि इस तरह का दबाव संबंधों के लिए मददगार नहीं है।

उन्होंने कहा, "अमेरिका-भारत संबंधों के लंबे समर्थक चाहते हैं कि रूस के साथ भारत की निकटता और कम हो। लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा अपनाई गई मौजूदा रणनीति, जो सिर्फ भारत को लेकर है, वास्तव में बहुत मायने नहीं रखती।"

नवारो ने हाल के दिनों में भारत पर बार-बार आरोप लगाए कि नई दिल्ली यूक्रेन युद्ध से 'मुनाफा कमा रही है।' भारत सरकार ने इसे सिरे से खारिज करते हुए पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के हवाले से कहा कि "यह सच्चाई से बिल्कुल परे है।"

रोसो ने आगे कहा कि नवारो के बयान राष्ट्रपति ट्रंप के विचारों से बहुत अलग नहीं हैं। इसलिए यह मानना गलत होगा कि वे प्रशासन की सोच से परे हैं।

विशेषज्ञ ने प्रधानमंत्री मोदी की हालिया चीन यात्रा और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन को 'सिर्फ बैठक का मंच' बताया, जबकि टोक्यो यात्रा को कहीं ज्यादा अहम बताया। उन्होंने भारत-चीन वार्ता को तनाव कम करने की दिशा में कदम जरूर माना, लेकिन दोनों देशों के बीच गहरे मतभेदों को देखते हुए व्यापक सहयोग की संभावना को नकारा।

रोसो के अनुसार, अमेरिकी कांग्रेस भी इस मामले पर खुलकर सामने आने से बच रही है। रिपब्लिकन राष्ट्रपति ट्रंप से अलग राय रखने में हिचक रहे हैं, जबकि डेमोक्रेट्स का ध्यान फिलहाल अमेरिका के घरेलू मुद्दों पर ज्यादा है।