गाजा में ईंधन की भीषण किल्लत से पानी और जीवनरक्षक सेवाएं संकट में, संयुक्त राष्ट्र ने दी चेतावनी
- Post By Admin on Jun 26 2025

संयुक्त राष्ट्र/गाजा : ईंधन की आपूर्ति बंद होने से गाजा में मानवाधिकार संकट और गहराता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि अगर इजरायल द्वारा ईंधन नाकेबंदी जारी रही, तो गाजा में बच्चों सहित बड़ी संख्या में नागरिकों की जान पर बन आएगी। फिलहाल जल आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवाएं और खाद्य वितरण पूरी तरह खतरे में हैं।
ईंधन नहीं तो प्यास से मरेंगे बच्चे
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने साफ कहा है कि गाजा में बीते 100 दिनों से जारी ईंधन नाकेबंदी अगर खत्म नहीं हुई, तो बच्चे प्यास से मरने लगेंगे। पानी उत्पादन और आपूर्ति प्रणाली ईंधन पर निर्भर है, जो लगभग ध्वस्त हो चुकी है। मई में कुपोषण के इलाज के लिए भर्ती बच्चों की संख्या में अप्रैल की तुलना में 50% तक की वृद्धि दर्ज की गई, जो हालात की भयावहता को दर्शाता है।
गंभीर मानवीय संकट की ओर बढ़ता गाजा
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) ने बताया कि गाजा में संघर्ष, सहायता मांगने वालों पर गोलीबारी और सीमित सहायता डिलीवरी के चलते आम नागरिकों की जान खतरे में है। एजेंसी ने कहा कि इजरायली प्रशासन को गाजा के उत्तरी हिस्से सहित पूरे इलाके में तत्काल पर्याप्त ईंधन आपूर्ति की अनुमति देनी चाहिए।
OCHA के अनुसार, राफा में जमा ईंधन से दक्षिणी गाजा की कुछ आवश्यक सेवाएं फिलहाल चल रही हैं, लेकिन यह राहत अस्थायी है। यदि जल्द ही और ईंधन नहीं पहुंचाया गया, तो यह "जीवन रेखा" भी बंद हो जाएगी।
मानसिक स्वास्थ्य भी बना बड़ी चुनौती
संयुक्त राष्ट्र और सहयोगी एजेंसियों ने गाजा के बच्चों में गहराते मानसिक तनाव पर गंभीर चिंता जताई है। युद्ध, विस्थापन और भोजन की कमी के कारण बच्चे गहरे मनोवैज्ञानिक संकट से गुजर रहे हैं। पिछले सप्ताह 1,000 से अधिक बच्चों को तनाव प्रबंधन और भावनात्मक सहारा देने के लिए सत्र आयोजित किए गए। वहीं, 2,000 से अधिक देखभालकर्ताओं को भी मानसिक स्वास्थ्य सहायता दी गई है।
आश्रय और बुनियादी संसाधनों की भारी कमी
गाजा में आश्रय सामग्री की आपूर्ति पूरी तरह से ठप है। इजरायली सेना द्वारा हाल ही में जारी किए गए एक और विस्थापन आदेश के चलते लोग फिर से बेघर हो रहे हैं। खान यूनिस जैसे इलाकों में राहत साझेदार लकड़ी के पैलेट्स को रीसायकल कर अस्थायी शिविरों की मरम्मत और निर्माण का कार्य कर रहे हैं।
WHO ने भी जताई चिंता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी गाजा में मानसिक स्वास्थ्य संकट पर चेतावनी दी है और सैकड़ों फ्रंटलाइन मानवीय कार्यकर्ताओं को मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा में प्रशिक्षित किया है ताकि लोगों को सहायता मिल सके और किसी हद तक सुरक्षा की भावना कायम रह सके।
संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि गाजा में ईंधन सहित जीवनरक्षक आपूर्ति तत्काल बहाल की जाए, ताकि और अधिक निर्दोष जानें न जाएं।