हार्वर्ड के विदेशी छात्रों को राहत, अमेरिकी अदालत ने ट्रंप प्रशासन के फैसले पर लगाई अस्थायी रोक

  • Post By Admin on May 25 2025
हार्वर्ड के विदेशी छात्रों को राहत, अमेरिकी अदालत ने ट्रंप प्रशासन के फैसले पर लगाई अस्थायी रोक

वाशिंगटन : हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अमेरिका के मैसाचुसेट्स राज्य की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा जारी उस आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी है, जिसके तहत हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के विदेशी छात्रों को स्थानांतरण या निष्कासन की चेतावनी दी गई थी।

यह निर्णय डीएचएस (डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी) द्वारा हार्वर्ड की एसईवीआईएस (स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर इन्फॉर्मेशन सिस्टम) एक्सेस को रद्द करने के एक दिन बाद आया। ट्रंप प्रशासन के इस कदम को आइवी लीग शिक्षण संस्थानों पर हमले के रूप में देखा जा रहा था।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने अदालत में दाखिल याचिका में कहा कि सरकार के इस आदेश से यूनिवर्सिटी के करीब एक चौथाई छात्र—जिनमें अधिकांश विदेशी छात्र हैं—सीधे प्रभावित होंगे। यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष एलन एम. गार्बर ने कहा, "यह निर्णय न सिर्फ अवैध और अनुचित है, बल्कि हार्वर्ड जैसे संस्थान की पहचान और मिशन पर भी हमला है। अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बिना हार्वर्ड, हार्वर्ड नहीं रहेगा।"

गार्बर ने चेताया कि यह फैसला अमेरिका में अध्ययन कर रहे हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्रों के भविष्य पर खतरा बन सकता है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए यहां आए हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार, हार्वर्ड में करीब 780 भारतीय छात्र और स्कॉलर पढ़ाई कर रहे हैं। यदि अदालत की यह रोक नहीं लगती, तो इन सभी को या तो अन्य संस्थानों में स्थानांतरित होना पड़ता या फिर देश छोड़ना पड़ता।

इस पूरे विवाद की जड़ में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों के दौरान यहूदी छात्रों की सुरक्षा को लेकर कथित लापरवाही भी है। ट्रंप प्रशासन ने यूनिवर्सिटी के वित्तीय सहायता कार्यक्रमों पर रोक लगाने के साथ-साथ इसकी कर-मुक्त स्थिति रद्द करने की मांग भी की है। इसी तर्ज पर कोलंबिया यूनिवर्सिटी जैसे अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों को भी निशाने पर लिया गया है।

हार्वर्ड ने अदालत में कहा कि उसने डीएचएस की मांग के तहत अपने 13 स्कूलों के करीब 7,000 विदेशी छात्रों की जानकारी समय पर प्रस्तुत कर दी थी, बावजूद इसके विभाग ने बिना ठोस कारण दिए उसे ‘अपर्याप्त’ बता दिया।

हालांकि, अदालत की ओर से आई तेजी से कार्यवाई ने छात्रों को राहत दी है। मुकदमा दाखिल होने के कुछ ही घंटों में अदालत ने ट्रंप प्रशासन के आदेश पर रोक लगाते हुए छात्रों को फिलहाल राहत दी।

अदालत के इस फैसले को अमेरिका में पढ़ रहे लाखों विदेशी छात्रों के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। यह मामला अब आगे की सुनवाई में तय करेगा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रशासनिक दखल कितना न्यायसंगत और संवैधानिक है।