साइप्रस में PM मोदी ने दिखाई भारत की वैश्विक ताकत, हुए कई ऐतिहासिक समझौते
- Post By Admin on Jun 17 2025
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साइप्रस : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की साइप्रस यात्रा ने भारत की वैश्विक शक्ति और कूटनीतिक प्रभाव का नया परिचय दिया है। पीएम मोदी ने सोमवार को साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता की, जहां व्यापार, निवेश, डिजिटल भुगतान, रक्षा, स्टार्टअप और लॉजिस्टिक्स समेत कई अहम क्षेत्रों में सहयोग को नई दिशा देने वाले समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
यह यात्रा पीएम मोदी के तीन देशों के दौरे का पहला चरण है। साइप्रस में उनके आगमन पर राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया गया। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में मोदी ने भारत की बीते दशक की आर्थिक प्रगति, नीति स्थिरता, डिजिटल क्रांति और कारोबारी माहौल में सुधार को प्रमुखता से रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत अब विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंचने की ओर अग्रसर है।
भारत-साइप्रस संबंधों को नई उड़ान
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत और साइप्रस के बीच व्यापार, पर्यटन, वित्तीय सेवाओं और आईटी जैसे क्षेत्रों में व्यापक संभावनाएं हैं। इस दिशा में एनपीसीआई इंटरनेशनल और यूरोबैंक साइप्रस के बीच सीमा-पार डिजिटल भुगतान सुविधा के लिए समझौता हुआ। वहीं, गुजरात की गिफ्ट सिटी स्थित एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज और साइप्रस स्टॉक एक्सचेंज के बीच वित्तीय सहयोग स्थापित करने वाला समझौता यूरोप और भारत के बीच अपनी तरह का पहला है।
मोदी ने कहा कि साइप्रस यूरोप में भारतीय कंपनियों के लिए ‘प्रवेश द्वार’ बन सकता है, खासकर आईटी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में। यह यात्रा विशेष भी इसलिए रही क्योंकि 23 वर्षों में यह पहला मौका है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री साइप्रस दौरे पर पहुंचा और उनका पहला कार्यक्रम था बिजनेस राउंडटेबल— जो दोनों देशों के आर्थिक संबंधों की गंभीरता को दर्शाता है।
भारत-ग्रीस-साइप्रस के बीच त्रिपक्षीय परिषद का गठन
इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान भारत, ग्रीस और साइप्रस ने मिलकर एक त्रिपक्षीय व्यापार और निवेश परिषद की स्थापना की घोषणा की। यह परिषद ग्रीन एनर्जी, एविएशन, शिपिंग और डिजिटल सेवाओं के क्षेत्र में सहयोग को मजबूती देगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह रणनीतिक पहल न केवल व्यापार को गति देगी, बल्कि पश्चिम एशिया और यूरोप में भारत की कूटनीतिक उपस्थिति को भी सशक्त बनाएगी।
“यह युद्ध का युग नहीं है” – मोदी का वैश्विक संदेश
वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी और साइप्रस के राष्ट्रपति ने यूरोप और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्षों को लेकर चिंता जताई और यह स्पष्ट संदेश दिया कि “यह युद्ध का युग नहीं है।” दोनों नेताओं ने बातचीत के जरिए शांति और स्थिरता की वकालत की।
पीएम मोदी ने अपनी यात्रा को भारत-साइप्रस संबंधों में एक "स्वर्णिम अध्याय" की शुरुआत बताया और कहा कि यह साझेदारी वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को और मजबूत करेगी।
यह दौरा वैश्विक राजनीति में भारत की बढ़ती साख और उसकी आर्थिक तथा डिजिटल ताकत का स्पष्ट संकेत देता है।