भारत और ब्राह्मणों से जुड़े बयान पर घिरे पीटर नवारो, एक्स फैक्ट चेक ने दिखाया आईना

  • Post By Admin on Sep 07 2025
भारत और ब्राह्मणों से जुड़े बयान पर घिरे पीटर नवारो, एक्स फैक्ट चेक ने दिखाया आईना

वाशिंगटन : व्हाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो रविवार को विवादों में घिर गए, जब भारत और रूस के बीच तेल व्यापार पर दिए गए उनके बयान को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कम्युनिटी नोट के जरिए 'भ्रामक' करार दिया गया। नवारो ने न केवल भारत पर आरोप लगाए, बल्कि भारतीय समाज के एक वर्ग पर भी विवादास्पद टिप्पणी कर भारी आलोचना झेली।

दरअसल, नवारो ने रूस से भारत की तेल खरीद पर निशाना साधते हुए दावा किया था कि यह व्यापार केवल 'लाभ और राजस्व' के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि "ब्राह्मण भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफा कमा रहे हैं।" एक्स की कम्युनिटी ने तुरंत उनके इस दावे को खारिज करते हुए फैक्ट चेक जारी किया। नोट में स्पष्ट किया गया कि भारत का तेल व्यापार केवल लाभ के लिए नहीं, बल्कि अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है और यह किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं करता।

कम्युनिटी नोट में यह भी जोड़ा गया कि अमेरिका स्वयं रूस से कुछ वस्तुओं का आयात जारी रखे हुए है, ऐसे में भारत की आलोचना करना 'पाखंड' है। इसके अलावा, अमेरिका और भारत के बीच सेवाओं के क्षेत्र में व्यापार अधिशेष है, जो दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी की मजबूती को दर्शाता है।

नवारो ने फैक्ट चेक का विरोध करते हुए एलन मस्क और एक्स प्लेटफॉर्म पर सीधा हमला बोला। उन्होंने पोस्ट किया, "एलन मस्क लोगों की पोस्ट में दुष्प्रचार को जगह दे रहे हैं। भारत रूस से सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए तेल खरीद रहा है। यह सब भारत सरकार की स्पिन मशीन है।" उन्होंने यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी नौकरियों से जुड़े मुद्दों का हवाला देकर भारत पर फिर से निशाना साधा।

इस विवाद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोदी का हमेशा दोस्त रहूंगा। वह महान प्रधानमंत्री हैं। भारत और अमेरिका के बीच एक विशेष रिश्ता है। चिंता की कोई बात नहीं है।" ट्रंप का यह बयान उस समय आया, जब नवारो लगातार भारत पर हमला कर रहे हैं और इससे द्विपक्षीय संबंधों पर सवाल उठ रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्रंप की टिप्पणी का सकारात्मक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं की सराहना करते हैं और भारत-अमेरिका संबंध "बहुत ही सकारात्मक, दूरदर्शी और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी" पर आधारित हैं।

भारत के विदेश मंत्रालय ने नवारो की टिप्पणियों को सिरे से खारिज किया और उन्हें 'गलत और भ्रामक' करार दिया। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने पीटर नवारो के बयान देखे हैं और उन्हें अस्वीकार करते हैं। भारत और अमेरिका के बीच संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं और यह साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और मजबूत जनसंपर्क पर आधारित हैं।" उन्होंने यह भी दोहराया कि इस तरह की टिप्पणियों से भारत-अमेरिका संबंध प्रभावित नहीं होंगे।

विश्लेषकों का कहना है कि नवारो का बयान न केवल 'जातिवादी' बल्कि 'भयावह' भी है, जिससे भारत में व्यापक आक्रोश फैला है। राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों में इसे भारत की गरिमा और साझेदारी पर हमला माना जा रहा है।

गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से नवारो भारत की विदेश नीति की आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की रूस और चीन के नेताओं से मुलाकातों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि "भारत को रूस के साथ नहीं, बल्कि अमेरिका के साथ खड़ा होना चाहिए।"

भारत और रूस के बीच ऊर्जा सहयोग को लेकर यह विवाद ऐसे समय में उठा है, जब वैश्विक ऊर्जा संकट और भू-राजनीतिक तनाव चरम पर है। लेकिन भारत बार-बार स्पष्ट कर चुका है कि उसकी विदेश नीति "राष्ट्रीय हित" और "ऊर्जा सुरक्षा" पर आधारित है।