ईरान ने 4 इजरायली शहरों पर दागी मिसाइलें, जवाब में इजरायल ने परमाणु ठिकानों पर की बमबारी
- Post By Admin on Jun 19 2025

तेहरान : पश्चिम एशिया में तनाव नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। ईरान ने बीती रात इजरायल के चार प्रमुख शहरों—तेल अवीव, होलोन, रमत गान और बीर्शेबा—पर मिसाइलों से हमला कर दिया। जवाब में इजरायली वायुसेना ने ईरान के अराक हेवी वॉटर रिएक्टर समेत कई सैन्य और परमाणु प्रतिष्ठानों पर जोरदार हवाई हमला किया। दोनों देशों के बीच यह अब तक की सबसे गंभीर सैन्य मुठभेड़ मानी जा रही है।
ईरान का बड़ा हमला, अस्पताल और इमारतें बनीं निशाना
ईरान की ओर से कुल 25 मिसाइलें दागी गईं। बीर्शेबा स्थित सोरोका अस्पताल पर एक मिसाइल गिरी, जिससे एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया और 25 अन्य लोगों को चोटें आईं। होलोन में एक इमारत पूरी तरह ढह गई, जबकि रमत गान और वोल्फसन मेडिकल सेंटर में भी दर्जनों लोगों के घायल होने की सूचना है।
ईरान के सरकारी मीडिया ने दावा किया कि इस हमले का उद्देश्य इजरायली सेना के कमांड व खुफिया मुख्यालय और बीर शेवा स्थित गाव-यम टेक्नोलॉजी पार्क में मौजूद सैन्य शिविरों को निशाना बनाना था।
इजरायली जवाबी हमला: परमाणु कार्यक्रम पर सीधा वार
ईरान के हमले के कुछ ही घंटों के भीतर इजरायली वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। 40 से अधिक लड़ाकू विमानों ने तेहरान, अराक और नातान्ज सहित कई सैन्य और परमाणु स्थलों पर एक साथ 100 से ज्यादा बम गिराए। अराक में स्थित हेवी वॉटर रिएक्टर पर भी हमला किया गया, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम का अहम हिस्सा माना जाता है।
हालांकि ईरानी अधिकारियों ने दावा किया कि अराक रिएक्टर पर हमले से पहले क्षेत्र को खाली करा लिया गया था और परमाणु विकिरण का कोई खतरा नहीं है। लेकिन बमबारी के कारण हुए नुकसान का विवरण फिलहाल स्पष्ट नहीं है।
तनाव के बीच अमेरिका की चुप्पी, ट्रंप ने दिया विरोधाभासी बयान
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए एक बार फिर अस्पष्ट रुख अपनाया। उन्होंने कहा, "मैं युद्ध में शामिल हो सकता हूं या नहीं भी... कोई नहीं जानता मैं क्या करूंगा।"
उनके इस बयान से अमेरिकी नीति को लेकर असमंजस और बढ़ गया है, जबकि क्षेत्र में युद्ध का खतरा गहराता जा रहा है।
स्थिति विस्फोटक, वैश्विक चिंता बढ़ी
दोनों देशों के बीच जारी सैन्य मुठभेड़ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह संघर्ष जल्द नहीं थमा, तो यह एक पूर्ण क्षेत्रीय युद्ध का रूप ले सकता है, जिसका असर वैश्विक स्तर पर महसूस किया जाएगा—विशेषकर तेल आपूर्ति और पश्चिम एशिया की स्थिरता पर।
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष ने एक नए संकट को जन्म दिया है। जहां एक ओर मिसाइलों और बमबारी का सिलसिला जारी है, वहीं दूसरी ओर कूटनीतिक हस्तक्षेप की संभावनाएं क्षीण दिख रही हैं। अब पूरी दुनिया की निगाहें इस ओर टिकी हैं कि क्या यह तनाव नियंत्रण में आएगा या फिर यह टकराव किसी बड़े युद्ध में बदल जाएगा।