पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 वर्ष की आयु में निधन
- Post By Admin on Dec 30 2024

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका निधन रविवार को उनके गृह राज्य जॉर्जिया के प्लेन्स में स्थित उनके घर पर हुआ। कार्टर सेंटर ने एक बयान जारी कर इस दुखद समाचार की पुष्टि की। वे अमेरिकी इतिहास में सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले राष्ट्रपति थे। उनका जीवन मानवाधिकार, परोपकार और समाज सेवा से भरा हुआ था।
राष्ट्रपति कार्यकाल और योगदान
जिमी कार्टर का जन्म 1 अक्टूबर 1924 को जॉर्जिया में हुआ था। उनके पिता एक किसान थे। कार्टर ने 1976 से 1980 तक संयुक्त राज्य अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। राष्ट्रपति बनने से पहले उन्होंने अमेरिकी नौसेना में सेवा दी, जॉर्जिया में सीनेटर रहे और राज्य के गवर्नर के रूप में भी कार्य किया। उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने मानवाधिकार और शांति के लिए लगातार काम किया।
मानवाधिकार और परोपकार में योगदान
राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद, कार्टर ने 'कार्टर सेंटर' की स्थापना की जो कि चुनावों में पारदर्शिता, मानवाधिकारों के समर्थन और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में कार्य करता है। उनके प्रयासों से दुनियाभर में गिमी कृमि (एक प्रकार का परजीवी कीड़ा) को खत्म करने में मदद मिली है। इसके अलावा, उन्होंने 90 वर्ष की आयु में 'हैबिटेट फॉर ह्यूमैनिटी' संगठन के साथ मिलकर लोगों के लिए घर बनाने का कार्य किया।
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित
2002 में जिमी कार्टर को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार शांति वार्ताओं, मानवाधिकारों के लिए उनके संघर्ष और समाज कल्याण में उनके योगदान के लिए दिया गया।
कैंप डेविड समझौता और मध्य-पूर्व शांति 1978 में जिमी कार्टर ने ऐतिहासिक कैंप डेविड समझौते की मध्यस्थता की, जिससे मध्य-पूर्व में शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए गए। इस प्रयास के लिए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया।
बाइडन-ट्रंप ने दी श्रद्धांजलि
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को एक बयान में कार्टर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपने बयान में कार्टर को "प्रिय मित्र" और "असाधारण नेता" के रूप में याद किया। वहीं, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिकियों पर पूर्व राष्ट्रपति की "कृतज्ञता का ऋण" है।
बता दें कि राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है।