अमेरिका को चीन की चेतावनी, कहा जंग चाहते हो तो हम तैयार हैं
- Post By Admin on Mar 08 2025

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आक्रामक बयानों और चीन पर लगाए गए 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ के बाद चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। चीन ने अमेरिका से दो टूक शब्दों में कहा है कि यदि अमेरिका जंग चाहता है तो वह तैयार है, चाहे वह व्यापारिक युद्ध हो या असल युद्ध। यह बयान दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को और अधिक बढ़ा सकता है और इस पर वैश्विक मंच पर चिंताएं गहराती जा रही हैं।
चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि यदि उसे युद्ध चाहिए तो वह बिना हिचकिचाए युद्ध के लिए तैयार है। चीनी दूतावास ने अपने बयान में कहा, “हम हर प्रकार के युद्ध के लिए तैयार हैं, चाहे वह व्यापारिक हो या वास्तविक युद्ध।” इस दौरान, चीन ने अपनी सैन्य ताकत का भी हवाला दिया और कहा कि वह अपने समृद्ध और मजबूत सैन्य संसाधनों के साथ हर जंग में आखिरी तक लड़ेगा।
चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव और सैन्य ताकत का मुकाबला
चीन के इस आक्रामक बयान ने एक बार फिर से तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को जन्म दिया है, खासकर उस समय जब रूस-यूक्रेन और इज़रायल-हमास संघर्षों के बाद वैश्विक राजनीति पहले ही तनावपूर्ण स्थिति में है। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हैगसेट ने भी चीन को चेतावनी दी थी कि वे अपनी सैन्य तैयारियों को बढ़ाए और चीन को कोई भी गलत कदम उठाने से बचने की सलाह दी थी।
अब सवाल उठता है कि यदि दोनों देशों के बीच युद्ध होता है तो कौन कितना ताकतवर है? चीन और अमेरिका दोनों ने अपनी सेनाओं को आधुनिक बनाने के लिए भारी निवेश किया है।
• चीन का रक्षा बजट : चीन का रक्षा बजट 245 अरब अमेरिकी डॉलर है, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रक्षा बजट है। हालांकि यह अमेरिका के मुकाबले काफी कम है, लेकिन चीन अपने रक्षा बजट में वृद्धि कर रहा है। इसके अलावा, चीन ने 2050 तक एक वर्ल्ड क्लास मिलिट्री बनाने का लक्ष्य रखा है।
• अमेरिका का रक्षा बजट : अमेरिका का रक्षा बजट 886 अरब अमेरिकी डॉलर है, जो दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा बजट है और यह अमेरिकी GDP का 3% है। अमेरिका की सेना अत्याधुनिक तकनीकी संसाधनों से लैस है और उसकी पैदल सेना दुनिया की सबसे बड़ी और सशक्त सेनाओं में से एक है।
न्यूक्लियर वॉर : परमाणु बमों की तुलना
दोनों देशों के पास परमाणु बमों का बड़ा जखीरा है। अमेरिका के पास 5428 परमाणु बम हैं, जबकि चीन के पास सिर्फ 360 परमाणु बम हैं। इससे यह साफ होता है कि परमाणु हथियारों के मामले में अमेरिका चीन से कहीं आगे है।
सैन्य शक्ति : अमेरिकी और चीनी सेना की स्थिति
अमेरिकी सेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना मानी जाती है। उसके पास 14 लाख पैदल सैनिक और 6.67 लाख नौसेना के सैनिक हैं। वहीं, चीन की पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) में 25.45 लाख थल सैनिक हैं, हालांकि इसकी सैन्य तैयारी और उपकरण अमेरिका के मुकाबले कम विकसित माने जाते हैं।
क्या है ‘ट्रेड वॉर’ का असर?
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध अब गंभीर रूप ले चुका है। चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ बढ़ने के बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर दबाव बनाने की कोशिश की है। अमेरिका का उद्देश्य यह है कि चीन अब वैश्विक बाजार में अतिरिक्त लाभ न उठा सके। इस व्यापारिक संघर्ष से सिर्फ दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर असर नहीं पड़ रहा, बल्कि पूरी दुनिया में इसके परिणाम सामने आने की संभावना है।
क्या होगा अगला कदम ?
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती तनावपूर्ण स्थिति से तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा केवल सैन्य स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में भी फैल चुकी है। अब यह देखना होगा कि दोनों देश अपने विवादों को कैसे सुलझाते हैं और क्या युद्ध की संभावना सचमुच साकार होती है।
चीन और अमेरिका के बीच चल रही खींचतान और युद्ध की चेतावनियां पूरी दुनिया के लिए चिंता का कारण बनी हुई हैं। दोनों देशों के पास जबरदस्त सैन्य ताकत है और एक वैश्विक शक्ति के रूप में उनकी भूमिका दुनिया में अहम रहती है। ऐसे में इस संघर्ष का परिणाम केवल इन दोनों देशों पर ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया पर प्रभाव डाल सकता है।