रूस से तेल खरीद पर अमेरिका का शिकंजा, भारत-चीन पर 500 प्रतिशत टैरिफ का खतरा
- Post By Admin on Jul 03 2025

न्यूयॉर्क : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से रूस से व्यापार करने वाले देशों पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की रणनीति ने वैश्विक व्यापार जगत को चिंता में डाल दिया है। ट्रंप ने 500 प्रतिशत टैरिफ लगाने वाले एक विवादित विधेयक को संसद में पेश करने की अनुमति दे दी है। यह प्रस्ताव उन देशों पर लागू होगा जो रूस से व्यापार जारी रखे हुए हैं और यूक्रेन की मदद नहीं कर रहे — इनमें भारत और चीन प्रमुख हैं।
लिंडसे ग्राहम का बड़ा खुलासा
दक्षिणी कैरोलिना से रिपब्लिकन सांसद लिंडसे ग्राहम ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि यह विधेयक उन्हीं की पहल पर लाया गया है और ट्रंप ने अब इसका समर्थन कर दिया है। ग्राहम ने कहा, "अगर कोई देश रूस से तेल या अन्य उत्पाद खरीदता है और यूक्रेन की मदद नहीं करता, तो अमेरिका में उसके उत्पादों पर 500% टैरिफ लगाया जाएगा।"
ग्राहम ने खासतौर पर भारत और चीन का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि ये देश रूस का लगभग 70% तेल खरीदते हैं, जिससे पुतिन की "युद्ध मशीन" को ईंधन मिलता है।
गोल्फ खेलते समय मिला ट्रंप का समर्थन
इस विधेयक को लेकर ट्रंप के समर्थन का दावा भी रोचक अंदाज़ में सामने आया। ग्राहम ने बताया कि गोल्फ खेलते वक्त ट्रंप ने उनसे कहा, "अब समय आ गया है इस बिल को आगे बढ़ाने का।" यह पहली बार है जब ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से इस विधेयक के पक्ष में समर्थन जताया है।
भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर संकट
यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण ट्रेड डील को अंतिम रूप देने की बातचीत चल रही है। यदि यह विधेयक पारित होता है तो इससे भारत-अमेरिका के बीच आर्थिक रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं। अमेरिका, भारत के लिए सबसे बड़ा निर्यात बाजार है और 500% टैरिफ का बोझ भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा को गहरा नुकसान पहुंचा सकता है।
वैश्विक व्यापार जगत में हलचल
इस प्रस्तावित टैरिफ नीति ने न केवल भारत और चीन को चिंता में डाला है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठनों और वैश्विक निवेशकों के बीच भी बेचैनी पैदा कर दी है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर यह कानून बनता है तो यह वैश्विक सप्लाई चेन को झटका देगा और अमेरिका की बहुपक्षीय छवि को भी नुकसान पहुंचा सकता है।