जस्टिन ट्रूडो के बाद बदला कनाडा का सुर, पीएम कार्नी बोले– भारत के साथ मिलकर लड़ेंगे आतंकवाद से

  • Post By Admin on Jun 25 2025
जस्टिन ट्रूडो के बाद बदला कनाडा का सुर, पीएम कार्नी बोले– भारत के साथ मिलकर लड़ेंगे आतंकवाद से

ओटावा : कनाडा की सत्ता परिवर्तन के साथ ही देश की विदेश और सुरक्षा नीति में स्पष्ट बदलाव देखने को मिलने लगे हैं। प्रधानमंत्री पद की कमान संभालने के बाद मार्क कार्नी ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश देते हुए भारत का खुलकर समर्थन किया है।

अपने पहले प्रमुख बयान में पीएम कार्नी ने 1985 के एयर इंडिया 'कनिष्क' बम धमाके को कनाडा के इतिहास का सबसे भयावह आतंकी हमला बताते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “इस हमले में 268 कनाडाई नागरिकों समेत कुल 329 निर्दोष लोग मारे गए थे। कनाडा इसे कभी नहीं भूल सकता। यह सिर्फ भारत का नहीं, हमारा भी दुख है।”

भारत के साथ खड़ा कनाडा
पीएम कार्नी ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत जैसे साझेदारों के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब कनाडा की सरकार आतंकी ताकतों के खिलाफ नरम रुख नहीं अपनाएगी और अपनी नीति को कठोर बनाएगी।

'कनिष्क' हमले की 40वीं बरसी पर दिया बड़ा संदेश
यह बयान ऐसे वक्त आया है जब 23 जून को एयर इंडिया फ्लाइट 182 'कनिष्क' बम धमाके की 40वीं बरसी पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यह विमान मॉन्ट्रियल से लंदन होते हुए दिल्ली जा रही थी, जब आयरलैंड के तट के पास इसमें विस्फोट हुआ। धमाका लंदन पहुंचने से मात्र 45 मिनट पहले हुआ था और सभी यात्री मारे गए थे।

भारत ने भी जताई संवेदना
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस हमले को याद करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि “यह दुनिया को यह याद दिलाने वाला आतंकी हमला है कि आतंकवाद के प्रति कोई सहानुभूति नहीं हो सकती। इससे पूरी दुनिया को सतर्क रहना होगा।”

क्या खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर होगी सख्ती?
पीएम कार्नी के इस रुख को खालिस्तान समर्थक तत्वों के खिलाफ संभावित निर्णायक कार्रवाई की भूमिका के रूप में देखा जा रहा है। जस्टिन ट्रूडो सरकार के दौरान भारत-कनाडा संबंधों में खटास बढ़ी थी, खासकर खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर भारत की चिंता के कारण।

अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या पीएम मार्क कार्नी भारत के साथ विश्वास बहाली की ओर ठोस कदम उठाते हैं और कनाडा में पनप रहे उग्रपंथी तत्वों के खिलाफ सख्त नीति अपनाते हैं। फिलहाल, उनका यह बयान भारत-कनाडा संबंधों में एक नई शुरुआत का संकेत माना जा रहा है।