पाकिस्तान में मूसलाधार बारिश और बाढ़ से अब तक 883 मौतें, इस्लामाबाद में रेड अलर्ट
- Post By Admin on Sep 04 2025

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में जारी भीषण बारिश और बाढ़ ने हालात बेहद भयावह बना दिए हैं। जून के अंत से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से अब तक 883 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,200 से अधिक लोग घायल हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि हालात और बिगड़ सकते हैं, खासकर पंजाब और खैबर-पख्तूनख्वा प्रांतों में।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, सबसे अधिक तबाही खैबर-पख्तूनख्वा (केपी) में हुई है, जहां 488 लोगों की मौत और 360 लोग घायल हुए हैं। पंजाब प्रांत भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सिंध में 58, गिलगित-बाल्टिस्तान में 41, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 38, बलूचिस्तान में 26 और राजधानी इस्लामाबाद में 9 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
बुधवार देर रात से हुई बारिश में दो और बच्चों की जान चली गई—एक पीओके में और दूसरा इस्लामाबाद में। इस बीच, पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) ने चेतावनी दी है कि लाहौर, गुजरांवाला, रावलपिंडी और इस्लामाबाद जैसे घनी आबादी वाले शहरों में शहरी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
बारिश और नदियों के उफान से सिंधु और सतलुज समेत कई नदियां खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं। गंदा सिंह वाला (पंजाब) में सतलुज नदी का जलस्तर असामान्य रूप से ऊंचा है, जबकि चिनाब नदी में नई बाढ़ की लहर मराला से नीचे के इलाकों में खतरा बढ़ा रही है। पीएमडी ने चेतावनी दी है कि सिंधु नदी का जलस्तर 6 और 7 सितंबर तक गुड्डू में खतरनाक स्तर पर पहुंच सकता है।
रिपोर्टों के अनुसार, पंजाब के झांग जिले में चिनाब की बाढ़ से 261 गांव जलमग्न हो गए हैं, जबकि मुजफ्फरगढ़ में कम से कम 24 गांव प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के तेज बहाव में 9,200 से अधिक मकान ढह गए, जिनमें से 4,700 केपी और 2,100 पीओके में हैं। 6,000 से अधिक मवेशियों के बह जाने और हजारों एकड़ कृषि भूमि के नष्ट होने की जानकारी मिली है।
पूरे पाकिस्तान में अब तक लगभग 240 पुल टूट गए हैं और 670 किलोमीटर से ज्यादा सड़कों को गंभीर क्षति पहुंची है। भूस्खलन और जलभराव ने राहत कार्यों को भी बाधित किया है। पहाड़ी इलाकों में बसे लोग सबसे अधिक जोखिम में हैं, जहां लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं और नए भूस्खलन का खतरा बढ़ रहा है।
एनडीएमए ने अपने राष्ट्रीय आपात संचालन केंद्र (एनईओसी) से सभी प्रभावित प्रांतों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन अधिकारियों ने माना है कि बाढ़ से तबाही इतनी व्यापक है कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना चुनौती बन गया है।