उत्तरकाशी आपदा: राहत-बचाव कार्यों के लिए राज्य सरकार ने जारी किए 20 करोड़, विशेष पुलिस बल तैनात

  • Post By Admin on Aug 06 2025
उत्तरकाशी आपदा: राहत-बचाव कार्यों के लिए राज्य सरकार ने जारी किए 20 करोड़, विशेष पुलिस बल तैनात

देहरादून : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में आई प्राकृतिक आपदा के मद्देनज़र राहत और बचाव कार्यों को तेज़ करने के लिए राज्य सरकार ने 20 करोड़ रुपये की आपात सहायता राशि स्वीकृत की है। साथ ही पुलिस विभाग ने बड़े स्तर पर विशेष बलों और वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती करते हुए आपदा प्रबंधन को युद्धस्तर पर अंजाम देने का फैसला लिया है।

वरिष्ठ अफसरों को सौंपी कमान
उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में हुए नुकसान के बाद स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य पुलिस मुख्यालय ने भारतीय पुलिस सेवा के कई वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर रवाना किया है। इनमें एसडीआरएफ के पुलिस महानिरीक्षक अरुण मोहन जोशी, गढ़वाल परिक्षेत्र के आईजी राजीव स्वरूप, एसपी प्रदीप कुमार राय, एसपी अमित श्रीवास्तव, एसपी सुरजीत सिंह पंवार और एसपी श्वेता चौबे शामिल हैं।

इसके अलावा, एक डिप्टी कमांडेंट और 11 डिप्टी एसपी को राहत व समन्वय कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कार्रवाई की निगरानी कर रहे हैं।

विशेष राहत बलों की तैनाती
आपदा प्रबंधन को और मजबूत करने के लिए श्वेता चौबे के नेतृत्व में देहरादून स्थित आईआरबी द्वितीय की कंपनी और 40वीं वाहिनी पीएसी के 140 विशेष प्रशिक्षित जवानों को प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है। ये जवान विशेष उपकरणों के साथ मलबे में फंसे लोगों को निकालने, रास्ते खोलने और राहत सामग्री पहुंचाने के कार्य में जुटे हैं।

अन्य जिलों से भी मिला सहयोग
देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी से भी कुल 160 पुलिसकर्मियों को राहत उपकरणों के साथ प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है। ये टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर तेजी से राहत पहुंचाने के प्रयास में लगी हैं।

24 घंटे राहत कार्य का आदेश
पुलिस बलों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे 24 घंटे कार्यरत रहें और प्रभावित लोगों को शीघ्रतम सहायता उपलब्ध कराएं। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि जनहानि को न्यूनतम किया जा सके और राहत व बचाव कार्य सटीकता, समन्वय और गति के साथ पूरे हों।

उत्तराखंड सरकार और पुलिस प्रशासन आपदा से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन पहले से मौके पर मौजूद हैं, और अब अतिरिक्त संसाधनों की मदद से कार्यों में और अधिक तेजी लाई जा रही है।