नए कानून से अपराध नियंत्रण करने में जनता होगी प्रत्यक्ष भागीदार
- Post By Admin on Jul 03 2024
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लखीसराय : मंगलवार को जिला विधिज्ञ के सहायक सचिव सह अधिवक्ता रजनीश कुमार, अजय कुमार सिंह व राखी कुमारी ने नए कानून से संबंधित विस्तृत जानकारी साझा की।
इस दौरान अधिवक्ता रजनीश कुमार ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता में कानून के प्रति आम लोगों को भी जवाबदेह बनाया गया है। भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 33 और 34 में आम जनों को कानून के प्रति जवाबदेह बनाते हुए व्यवस्था दिया गया है। इसके अनुसार प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य और दायित्व है कि अगर वह घटित अपराध और अपराधी के बारे में जानकारी रखता हो या अपराध किए जाने का षडयंत्र रचा जा रहा हो या अपराधी के छुपे होने की जानकारी हो, या न्यायालय द्वारा वारंटी हो या भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 से 105 जो हत्या, या गैर इरादतन हत्या जैसे अपराध, धारा 111 से 113 जो संगठित और आंतकवाद जैसा संगीन अपराध, धारा 140 से 144 जिसके तहत अपहरण, व्यपहरण, मानव तस्करी महिल पुरुष से जुड़ा अपराध, धारा 147 से 154 जिसके अन्तर्गत राज्य या भारत सरकार के विरूद्ध युद्ध या युद्ध करने की तैयारी के लिए आग्णेयास्त्र का जमा किया जाना या युद्ध को सुगम बनाने में विरोधी को सहायता पहुंचाना, या राष्ट्रीय स्वतंत्रता, अखंडता-संप्रभुता के लिए खतरा उत्पन्न करना, धारा 178 से 182 जिसके तहत भारतीय सिक्का-स्टाम्प-करेंसी का कुटरचना या गलत उपयोग के लिए रखना, धारा 189 से 191 तक जो विधि विरुद्ध जमाव, हमला, धारा 274 से 280 में औषधियां का अपमिश्रण, विक्रय, नकल कृत औषधी का विक्रय और लोक जल श्रोत, या जलाशय या वायुमंडल को दूषित करने, लोक मार्ग या जल मार्ग पर उतावलेपन से चलाना व्याख्यायित है की जानकारी शासन प्रशासन को देना अनिवार्य है।
जानकारी रखते हुए संबधित शासन प्रशासन तंत्र से अगर आम नागरिक सूचना छुपाते हैं तो उनके खिलाफ अभियोजन चलाकर अभियोजित किए जा सकते हैं। इस कानून से अपराध नियंत्रण करने में जनता प्रत्यक्ष भागीदार होगी।