दीक्षा संस्कार के साथ स्काउट और गाइड शिविर का शुभारंभ
- Post By Admin on Jan 23 2025

लखीसराय : सूर्यगढ़ा नगर परिषद क्षेत्र के कटेहर गौरीशंकर संपर्क के पास स्थित संत मैरी इंग्लिश स्कूल में बिहार राज्य भारत स्काउट और गाइड के पांच दिवसीय प्रशिक्षण सह परीक्षण शिविर का शुभारंभ हुआ। इस शिविर के पहले दिन दीक्षा संस्कार के साथ प्रवेश, प्रथम और द्वितीय सोपान का आयोजन किया गया।
लखीसराय जिला संगठन आयुक्त (डीओसी) मृत्युंजय कुमार ने बताया कि जिले में पहले प्राइवेट स्कूलों में स्काउट और गाइड के कैंप शिथिल रूप से चल रहे थे। इसे सुचारू रूप से संचालित करने के लिए लखीसराय के जिला अधिकारी मिथिलेश मिश्र ने एक विशेष पत्र जारी किया। इस आदेश के तहत सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में स्काउट और गाइड के प्रशिक्षण शिविर को नियमित रूप से आयोजित करने की पहल की गई।
विद्यालय के प्रिंसिपल टिजो थॉमस ने बताया कि यह पहली बार है जब लखीसराय जिले के किसी प्राइवेट स्कूल में स्काउट और गाइड का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला अधिकारी के आदेश और भारत स्काउट-गाइड के वरीय पदाधिकारियों के निर्देशानुसार यह शिविर आयोजित किया गया है। इस पांच दिवसीय शिविर का नेतृत्व शिविर प्रधान अमृता सिंह कर रही हैं। जबकि अनुराग आनंद सहयोगी के रूप में बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।
शिविर का शुभारंभ विद्यालय के शिक्षक डॉ. विजय विनीत द्वारा स्वागत भाषण के साथ हुआ। पहले दिन बच्चों को टोली पद्धति की जानकारी दी गई। इस दौरान बच्चों को अनुशासन, चारित्रिक विकास, नेतृत्व क्षमता और आत्मनिर्भरता के महत्व को समझाया गया। अनुराग आनंद ने कहा कि स्काउटिंग और गाइडिंग में टोली पद्धति का विशेष महत्व है। यह बच्चों में सहयोग और उत्तरदायित्व की भावना विकसित करती है।
विद्यालय के प्रिंसिपल टिजो थॉमस ने कहा, "स्काउट और गाइड का प्रशिक्षण बच्चों को मन, वचन और कर्म से शुद्ध बनाता है। यह सेवाभाव, परोपकार और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देता है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रत्येक छात्र को स्काउट और गाइड का प्रशिक्षण लेना चाहिए, क्योंकि यह उन्हें राष्ट्र और समाज के प्रति समर्पित बनाता है।
अनुराग आनंद ने अपने संबोधन में कहा, "स्काउटिंग गाइडिंग बच्चों को आत्मनिर्भर बनाती है और उनमें नेतृत्व क्षमता का विकास करती है। स्काउट प्रशिक्षण से बच्चे समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं और आपातकालीन स्थितियों में राष्ट्र की सेवा के लिए तैयार रहते हैं।"
इस प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य बच्चों में चारित्रिक विकास, अनुशासन और नेतृत्व कौशल का विकास करना है। साथ ही, यह शिविर बच्चों को समाज के प्रति अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है। शिविर के दौरान बच्चों को प्रतिदिन एक भलाई का कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।