बिहार विश्वविद्यालय में “योग थ्योरी एंड थेरेपी” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी आयोजित

  • Post By Admin on Nov 28 2024
बिहार विश्वविद्यालय में “योग थ्योरी एंड थेरेपी” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी आयोजित

मुजफ्फरपुर : बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा “योग थ्योरी एंड थेरेपी” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 12 और 13 दिसंबर को किया जाएगा। इस संगोष्ठी की तैयारी को लेकर आयोजन समिति की बैठक विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग के शिक्षक कक्ष में आयोजित हुई। जिसमें कार्यक्रम की रूपरेखा और आयोजन की तैयारी पर चर्चा की गई।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए आयोजन सचिव डॉ. राजेश्वर सिंह ने संगोष्ठी के विषय और कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस संगोष्ठी में देशभर से प्रसिद्ध योगाचार्य, चिकित्सक, हृदय रोग विशेषज्ञ और अन्य विषय के विशेषज्ञ भाग लेंगे। संगोष्ठी में योग के सिद्धांत और चिकित्सा से संबंधित वृहत चर्चा की जाएगी। साथ ही योग के विभिन्न आयामों पर शोध प्रस्तुति भी होगी। इस अवसर पर योग से संबंधित एक विशेषांक स्मारिका का विमोचन भी किया जाएगा।

संगोष्ठी का उद्देश्य योग के चिकित्सीय लाभ, इसके सिद्धांत और विभिन्न शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य लाभ पर गहन विचार-विमर्श करना है। योग के प्रभावी उपचारात्मक पहलुओं पर विशेषज्ञों द्वारा विचार साझा किया जाएगा और योग को चिकित्सा के रूप में प्रचलित करने की दिशा में नई जानकारियाँ और शोध प्रस्तुत किए जाएंगे।

बैठक में विभागाध्यक्ष डॉ. एल के साह, कॉलेज निरीक्षक डॉ. राजीव कुमार, प्राचार्य डॉ. अभय कुमार सिंह, डॉ. सरोज कुमार वर्मा, डॉ. पयोली, सीनेटर डॉ. रेनू बाला, डॉ. रमेश कुमार विश्वकर्मा, डॉ. हिमांशु शेखर, डॉ. सुमंत कुमार शुक्ला, डॉ. अनुराधा सिंह, डॉ. श्याम किशोर सिंह, प्रो. राजेश कुमार सिन्हा, प्रो. टी पी सिंह, डॉ. रवि शेखर, डॉ. हरिशंकर एवं डॉ. ललित किशोर जैसे प्रमुख शिक्षक और शोधकर्मी उपस्थित थे।

संगोष्ठी में योग के महत्व पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। खासकर इसके चिकित्सा और शारीरिक-मानसिक लाभ के बारे में विचार किए जाएंगे। योग के सिद्धांत और इसके वैज्ञानिक पहलुओं को समझाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान और सत्र आयोजित किए जाएंगे। यह संगोष्ठी योग के क्षेत्र में नई जानकारियों और अनुसंधान को साझा करने का महत्वपूर्ण मंच साबित होगी। जो योग को शारीरिक और मानसिक चिकित्सा में एक प्रभावी उपाय के रूप में प्रस्तुत करेगी।