स्वास्थ्य महकमे में धाक जमाने वाले बंगाल के बीजेपी नेता खा रहे दर दर की ठोकरें
- Post By Admin on Feb 05 2025

कोलकाता : पश्चिम बंगाल बीजेपी के पूर्व सीनियर नेता और हेल्थ सर्विस सेल के फाउंडर सदस्य इंद्रजीत सिन्हा की दर्दनाक कहानी सामने आई है। एक समय राज्य के स्वास्थ्य महकमे में अपनी पैठ रखने वाले और पार्टी के बड़े नेताओं से करीबी संबंध रखने वाले इंद्रजीत आज आर्थिक तंगी से जूझते हुए, तारापीठ श्मशान घाट के बाहर भीख मांगने को मजबूर हैं।
बीजेपी नेता का दर्दनाक संघर्ष, स्वास्थ्य क्षेत्र से राजनीति तक का सफर
बुलेट दा के नाम से प्रसिद्ध इंद्रजीत सिन्हा पश्चिम बंगाल में एक प्रमुख स्वास्थ्य सेवा कार्यकर्ता थे। वे भारतीय जनता पार्टी के हेल्थ सर्विस सेल के संस्थापक सदस्य थे और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए सरकारी अस्पतालों में भर्ती करवाने और सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
लेकिन, पिछले दो सालों से वह कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, इंद्रजीत सिन्हा को राज्य के किसी भी अस्पताल में इलाज के लिए जगह नहीं मिल रही है। आर्थिक तंगी की वजह से उन्हें अपना इलाज करवाने में कठिनाई हो रही है। उनका हाल इतना बुरा हो चुका है कि वे अब तारापीठ श्मशान घाट के बाहर हाथ में कटोरा लेकर भीख मांगते नजर आ रहे हैं।
मदद करने के बदले खुद कर्ज में डूबे इंद्रजीत सिन्हा
इंद्रजीत सिन्हा ने एक बयान में कहा, “मैंने पार्टी के लिए दिन-रात काम किया, पार्टी कार्यकर्ताओं को अस्पताल में भर्ती करवा कर और सस्ती दवाइयां उपलब्ध करवा कर बहुत से लोगों का आशीर्वाद प्राप्त किया। लेकिन अब मैं खुद कर्ज में डूब चुका हूं। पार्टी के कार्यक्रमों के दौरान मैं आर्थिक संकट से गुजरने लगा और अब मुझे अपना इलाज करवाने के लिए पैसे नहीं हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि कुछ पार्टी नेताओं ने उन्हें जानबूझकर बदनाम करने की साजिश रची और अब पार्टी में उनकी आवाज नहीं सुनी जाती।
सुकांत मजूमदार ने दी मदद का आश्वासन
इंद्रजीत सिन्हा की दुखद स्थिति को लेकर पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर सिन्हा की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “इंद्रजीत सिन्हा भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल के एक मेहनती और सीनियर कार्यकर्ता हैं। मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से उनकी स्थिति के बारे में जानकारी मिली। मैंने बीरभूम सांगठनिक जिले के अध्यक्ष से बात की है और जल्द ही उनकी मदद के लिए बीरभूम जिला नेतृत्व को निर्देश दिया है। बीजेपी परिवार हमेशा उनके साथ है।”
मामले में कोई पुलिस शिकायत नहीं
हालांकि, इंद्रजीत सिन्हा के इस दुखद संघर्ष को लेकर अब तक कोई पुलिस शिकायत दर्ज नहीं की गई है, लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी स्थिति को लेकर काफी चर्चा हो रही है। अब यह देखना होगा कि पार्टी और राज्य सरकार उनकी मदद के लिए क्या कदम उठाती है।