संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियन संगठनों का आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन
- Post By Admin on Nov 27 2024

मुजफ्फरपुर : मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों के आह्वान पर जिले के कंपनी बाग स्थित शहीद खुदीराम बोस स्मारक से एक विशाल रैली निकाली गई। इस रैली में किसानों, मजदूरों और ट्रेड यूनियन संगठनों के सैकड़ों सदस्य शामिल हुए और यह रैली जिला समाहर्ता कार्यालय तक पहुंची। जहां एक आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया गया। रैली और प्रदर्शन का नेतृत्व किसान संगठन के भूप नारायण सिंह और ट्रेड यूनियन के शंभू शरण ठाकुर ने संयुक्त रूप से किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा कि देश के विकास में मेहनतकश वर्ग, विशेष रूप से किसान और मजदूरों की अहम भूमिका है, लेकिन वर्तमान में सरकारों द्वारा बड़े पूंजीपतियों और कॉर्पोरेट हितों के पक्ष में फैसले लिए जा रहे हैं। जिससे आम जनता खासकर गरीब, किसान और मजदूर अत्यधिक महंगाई और बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं।
संगठनों ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकारें साम्राज्यवाद और नवउदारवादी नीतियों का पालन कर रही हैं। जिसका असर गरीबों पर पड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि न सिर्फ महंगाई बढ़ी है, बल्कि किसान और मजदूर अपनी मेहनत का सही मूल्य भी नहीं पा रहे हैं। साथ ही सरैया में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जमीन पर माफियाओं द्वारा कब्जा किए जाने और आंदोलन कर रहे लोगों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ भी प्रदर्शनकारियों ने विरोध जताया।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी को एक 20 सूत्री मांग पत्र सौंपा। जिसमें प्रमुख रूप से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी, स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना को रद्द करने, मजदूर विरोधी चार श्रम संहिता कानूनों को वापस लेने, डी बंदोपाध्याय भूमि सुधार आयोग की सिफारिशों को लागू करने, बिहार में पुनः मंडी सिस्टम चालू करने, कैमूर में आदिवासियों की भूमि को बचाने के लिए वन अभ्यारण की साजिश को रोकने, मनरेगा मजदूरों के लिए 200 दिन काम और 600 रुपये प्रतिदिन मजदूरी की दर लागू करने, आंगनबाड़ी, रसोईया, ममता और अन्य योजना कर्मियों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 26000 रुपये न्यूनतम वेतन लागू करने, 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग, वृद्ध किसान और खेत मजदूरों को 10,000 रुपये मासिक पेंशन देने और सरैया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को अतिक्रमण मुक्त करने जैसी मांगे शामिल थी।
सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के इलियास, आई एफ टी यू के दिनेश दास, बिहार राज्य किसान सभा के अजय कुमार सिंह, एआईकेएफ के नंदकिशोर तिवारी, एआईसीटीयू के चंद्र मोहन प्रसाद, एआईकेकेएमएसके के कालीकांत झा, एआईयूटीयूसी के बैजनाथ पंडित, आईएफटीयू के अजमुल्ला अंसारी, एआईकेएमकेएस के राजू शाह, एआईटीयूसी के रंजन महतो और टीयूसीसी के प्रमोद पटेल ने अपने विचार साझा किए। प्रदर्शनकारियों ने यह स्पष्ट किया कि वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करते रहेंगे और सरकार को अपनी मांगों के प्रति गंभीरता से ध्यान देने के लिए मजबूर करेंगे।