माँ महागौरी की उपासना से होते हैं भक्तों के सभी पाप नष्ट
- Post By Admin on Oct 10 2024

नई दिल्ली : श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः ।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥
माँ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। इनका वर्ण पूर्णत: गौर है। इस गौरता की उपमा शंख, चन्द्र और कुन्द के फूलसे दी गयी है। इनकी आयु आठ वर्ष की मानी गयी है। दुर्गापूजा के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है।
माँ महागौरी का स्वरूप :
माँ महागौरी के समस्त वस्त्र एवं आभूषण आदि भी श्वेत हैं। इनकी चार भुजाएँ हैं। इनका वाहन वृषभ है। इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय-मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। ऊपर वाले बायें हाथ में डमरू और नीचे के बायें हाथ में वर-मुद्रा है। इनकी मुद्रा अत्यन्त शान्त है।
महागौरी नाम करने के पीछे की कथा :
माँ महागौरी ने अपने पार्वती रूप में भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिये बड़ी कठोर तपस्या की थी। इनकी प्रतिज्ञा थी कि, 'व्रियेऽहं वरदं शम्भुं नान्यं देवं महेश्वरात्।'
गोस्वामी तुलसीदासजी के अनुसार भी इन्होंने भगवान शिव के वरण के लिये कठोर संकल्प लिया था—
जन्म कोटि लगि रगर हमारी।
बरउँ संभु न त रहउँ कुआरी।।
इस कठोर तपस्या के कारण इनका शरीर एकदम काला पड़ गया। इनकी तपस्या से प्रसन्न और सन्तुष्ट होकर जब भगवान शिव ने इनके शरीर को गंगाजी के पवित्र जल से मलकर धोया तब वह विद्युत प्रभा के समान अत्यन्त कान्तिमान-गौर हो उठा । तभी से इनका नाम महागौरी पड़ा।
कौन सी मनोकामनाएं होती हैं पूरी :
माँ महागौरी की शक्ति अमोघ और शीघ्र फलदायिनी है। इनकी उपासना से भक्तों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। भविष्य में उन्हें कोई पाप, दुख, या गरीबी नहीं सताती।
इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। ये भक्तों का कष्ट अवश्य ही दूर करती हैं। इनकी उपासना करने से असम्भव कार्य भी सम्भव हो जाते हैं।
आज का शुभ रंग :
मां महागौरी का सफेद यानी शुभ्र रंग प्रिय माना गया है। ऐसे में भक्तों को नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा के दौरान को सफेद, नीले या पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए।