बिल्व पत्र से करें शिव की उपासना, संवरेंगे सब बिगड़े काम

  • Post By Admin on Jun 24 2018
बिल्व पत्र से करें शिव की उपासना, संवरेंगे सब बिगड़े काम

हिन्दू धर्म में बिल्व पत्र का अपना महत्व है। शिव जी की कोई भी पूजा बिना बिल्व पत्र के अधूरी मानी जाती हैं। हमारे धार्मिक ग्रथों में भी उल्लेख है कि पार्वती जी ने शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए जब घोर तपस्या की थी, तो उस दौरान उन्होंने ने शिव की पूजा बिल्व पत्र से ही किया था। 

बिल्व के पत्ते शिवलिंग पर चढ़ाने से शिवजी की कृपा बनी रहती है और हर मनोकामना पूरी हो सकती है। शिवलिंग पर बिल्व के पत्ते चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह कहीं से कटे-फटे न हो।रोज सुबह बिल्व वृक्ष पर जल चढ़ाने से सभी ग्रहों के दोष दूर हो सकते हैं। साथ ही पितृ दोष का अशुभ असर भी कम होता है।

भगवान शिव की पूजा में कटे-फटे बिल्व पत्र नहीं चढ़ाने चाहिए। शिवपुराण में बिल्व वृक्ष को शिवजी का ही रूप बताया गया है। इसलिए इस पेड़ की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और हमारी सभी परेशानियां दूर करते हैं। इसे श्रीवृक्ष भी कहते हैं। श्री देवी लक्ष्मी का ही एक नाम है। इस कारण बिल्व की पूजा से लक्ष्मीजी की कृपा भी मिलती है।

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों से संबंधित दोष हो या गरीबी दूर नहीं हो रही हो तो बिल्व की पूजा से शुभ फल मिल सकते हैं। सुबह स्नान के बाद सफेद कपड़े पहनकर बिल्व वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। ये पूजा सोमवार को की जाए तो ज्यादा शुभ रहता है। पूजा में चंदन, फूल, फल, वस्त्र, तिल, अनाज आदि चीजें चढ़ाएं। धूप और दीप जलाकर नीचे लिखा मंत्र बोलें। इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करें। मंत्र जाप की संख्या 108 होनी चाहिए।

श्रीनिवास नमस्तेस्तु श्रीवृक्ष शिववल्लभ।

ममाभिलषितं कृत्वा सर्वविघ्रहरो भव।।