आज लंगट सिंह महाविद्यालय प्रांगण में छठ महोत्सव का होगा भव्य आयोजन

  • Post By Admin on Nov 05 2023
आज लंगट सिंह महाविद्यालय प्रांगण में छठ महोत्सव का होगा भव्य आयोजन

मुजफ्फरपुर: आज लंगट सिंह महाविद्यालय प्रांगण में सुदामा न्यूज़ के तत्वाधान में छठ महोत्सव का आयोजन किया जाना है । जिसमें कई स्कूली बच्चों के साथ बिहार के प्रसिद्ध लोकगायिका में शुमार रचना झा व अनामिका झा शिरकत करेंगी । आपको बता दें कि छठ महापर्व बिहार की संस्कृति और परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पर्व विशेष रूप से बिहार के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सूर्य पूजा के रूप में मनाया जाता है। छठ महापर्व में बिहार की सांस्कृतिक धारा, परंपराएँ, और विशेष रीति-रिवाज दिखते हैं, जो इस पर्व को विशेष बनाते हैं। इसी को देखते हुए सुदामा न्यूज़ के द्वारा इस भव्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में शहर के हजारों लोग शामिल होकर अपने संस्कृति सभ्यता को सहेजने का कार्य करेंगे । लोकगायिका के रूप में रचना झा और अनामिका झा शामिल होंगी ।

छठ महापर्व का आयोजन विशेषतः बिहार के गांवों और शहरों में होता है। इस पर्व में लोग अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ सूर्य देवता की पूजा करते हैं। इसे 'अर्घ्य' देने की प्रक्रिया कहा जाता है, जिसमें सूर्य की उपासना और धन्यवाद की भावना होती है। यह पर्व विशेष रूप से नारी शक्ति की महत्वपूर्णता को दर्शाता है, क्योंकि माँ सस्ती की पूजा महिलाओं के द्वारा की जाती है और इसमें उनका महत्वपूर्ण योगदान होता है।

छठ महापर्व का आयोजन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक किया जाता है। इस पर्व में लोग उपवास रखते हैं, जिसमें वे तीन दिन तक बिना खाए व्रत मनाते हैं। यह उपवास उनकी श्रद्धा और संयम का परिचय दिलाता है। छठ महापर्व के दौरान लोग सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सर्दी से भरी तालाबों या नदियों में जाकर स्नान करते हैं। इस प्रक्रिया में भक्ति और पवित्रता की भावना समेटी जाती है और इसे 'आर्घ्य' के रूप में सूर्य को समर्पित किया जाता है।

छठ महापर्व की पूजा में बिहार की सांस्कृतिक धारा भी प्रकट होती है। लोग विशेष रूप से सन्यासिन व्रती समुदाय की संतान के रूप में पूजा करते हैं, जिसमें वे संगीन भव्यता और विशेष संगठन की भावना को दर्शाते हैं। छठ महापर्व की तैयारी में लोग अपने घरों को सजाते हैं, खासकर छत और आस-पास के क्षेत्र को सजाने का विशेष प्रयास करते हैं। इसमें खास रंग-बिरंगी लकड़ी की बंदूकों से सजावट की जाती है, जिससे पूरे माहौल में खासता पैगंबरी (फेस्टिवल) का माहौल बनता है।

छठ महापर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह बिहार की विविधता और संस्कृति का प्रतीक भी है। इस पर्व में समाज में समृद्धि, समृद्धि, और समरसता की भावना अधिक होती है, जो लोगों को एक-दूसरे के प्रति समर्पण और सहयोग की भावना से जोड़ती है। इस पर्व में सामाजिक सामरस्य के साथ-साथ समृद्धि और सहयोग की भावना समेटी जाती है, जिससे लोग एक-दूसरे के साथ मेल-जोल और खुशहाली की भावना से जीते हैं। इस पर्व के द्वारा बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखा जाता है और लोगों के बीच समरसता और सम्प्रेम की भावना को बढ़ावा दिया जाता है।

इस प्रकार, छठ महापर्व बिहार की अमूर्त संस्कृति, धार्मिकता, और सामाजिक सामरस्य का प्रतीक है। यह पर्व लोगों को संयम, श्रद्धा, और सामाजिक समरसता की महत्वपूर्ण शिक्षा प्रदान करता है, जो उनके जीवन में संतुलन और समृद्धि की भावना लाता है। छठ महापर्व के माध्यम से बिहार की विशेषता, समृद्धि, और सांस्कृतिक धरोहर को मन्त्रमुग्ध करने का कार्य करता है, जिससे यह उत्कृष्ट और अनुपम बनता है।

इस कार्यक्रम में बतौर सहयोगी आसाम डाउन टाउन यूनिवर्सिटी, इंडियन ऑयल, स्मार्ट इंडिया, दिल्ली पब्लिक स्कूल मिठनपुरा, वरदान प्रेप पब्लिक स्कूल, द लैंडमार्क होटल, रेजिडेंशियल ग्रैंड व्यू प्रेप स्कूल, सिडको, बथुआ नर्सिंग होम, शिरडी साई मॉडर्न मल्टीथेरापी सेंटर, अविनाश तिरंगा, एपेक्स क्लासेज, फर्स्ट स्टेज प्रिपेरेटरी स्कूल, अर्थमेटिक निधि लिमिटेड, सिद्धेश्वर फाउंडेशन, शांति निकेतन स्कूल, हाईवे ढाबा और डॉक्टर संजीव मेमोरियल सेवा सदन प्राइवेट लिमिटेड हैं ।