लोकसभा में सोमवार को पेश होगा वन नेशन, वन इलेक्शन बिल
- Post By Admin on Dec 14 2024

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए सोमवार को इसे लोकसभा में पेश करने की तैयारी कर ली है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल संविधान संशोधन बिल (100 और 29) और दी यूनियन टेरेटरीज (संशोधन) बिल 2024 को पेश करेंगे। यह बिल देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की दिशा में अहम पहल है।
संविधान संशोधन की जरूरत
इस योजना को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन जरूरी है। सरकार ने इस बिल पर विस्तृत चर्चा के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजने का फैसला किया है। जेपीसी विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श कर सामूहिक सहमति बनाने का प्रयास करेगी।
विपक्ष ने जताई आपत्ति
जहां केंद्र सरकार इसे एक महत्वपूर्ण सुधार बता रही है। वहीं विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित कई दलों ने इस कदम को केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में बताया है। हालांकि, नीतीश कुमार की जेडी(यू) और चिराग पासवान जैसे एनडीए सहयोगियों ने इसका समर्थन किया है।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति
'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर विचार करने के लिए बनी उच्चस्तरीय समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की थी। इस समिति ने 32 राजनीतिक दलों के समर्थन और 15 दलों के विरोध के साथ एक रिपोर्ट तैयार की। यह रिपोर्ट 18,000 पन्नों और 21 खंडों में तैयार की गई जिसमें 80% जनता ने इस विचार का समर्थन किया।
बिल के फायदे
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसे देश के लिए गेमचेंजर बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चुनावों पर 5-5.5 लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं। जबकि एक साथ चुनाव कराने से यह खर्च घटकर 50,000 करोड़ रुपये रह जाएगा। इससे बची धनराशि का उपयोग औद्योगिक विकास और अन्य क्षेत्रों में किया जा सकता है। साथ ही, देश की जीडीपी में 1-1.5% तक की वृद्धि की संभावना जताई गई है। सरकार का मानना है कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' से बार-बार होने वाले चुनावों से जुड़ी लागत और प्रशासनिक व्यवधानों को कम किया जा सकेगा।