बीते तीन महीनों में जलवायु परिवर्तन ने किया दुनिया के हर हिस्से को प्रभावित : रिपोर्ट

  • Post By Admin on Sep 09 2023
बीते तीन महीनों में जलवायु परिवर्तन ने किया दुनिया के हर हिस्से को प्रभावित : रिपोर्ट

क्लाइमेट सेंट्रल के एक ताज़ा अध्ययन में पाया गया है कि जून और अगस्त 2023 के बीच जलवायु परिवर्तन ने दुनिया के हर हिस्से को प्रभावित किया। इसका असर सभी 180 देशों और 22 क्षेत्रों पर पड़ा। विश्व की लगभग 98% जनसंख्या, जो लगभग 7.95 अरब लोग हैं, ने वातावरण में कार्बन प्रदूषण के कारण गर्म तापमान का अनुभव किया और यह अब तक की सबसे गर्म गर्मी भी दर्ज की गई थी। इन तीन महीनों के दौरान, लगभग 6.2 बिलियन लोगों ने कम से कम एक दिन ऐसा अनुभव किया था जब जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी और भी बदतर हो गई थी। क्लाइमेट सेंट्रल की प्रणाली के अनुसार यह प्रभाव का उच्चतम स्तर है। इसके अतिरिक्त, जलवायु परिवर्तन के कारण 41 देशों में लगभग 2.4 बिलियन लोगों को 60 से अधिक दिनों तक अत्यधिक गर्म तापमान का सामना करना पड़ा।

वैश्विक आबादी का लगभग आधा हिस्सा, यानी 3.9 बिलियन लोगों को, इन तीन महीनों के दौरान जलवायु परिवर्तन के कारण 30 या अधिक दिनों तक उच्च तापमान का सामना करना पड़ा। 1.5 अरब लोगों के लिए, इस अवधि के दौरान हर एक दिन का तापमान जलवायु परिवर्तन से प्रभावित था। जलवायु परिवर्तन का असर हर जगह एक जैसा नहीं था। इस अवधि के दौरान जलवायु परिवर्तन के कारण जी20 देशों में लोगों को औसतन 17 दिनों तक अत्यधिक गर्मी का सामना करना पड़ा वहीं इसके विपरीत, संयुक्त राष्ट्र के सबसे कम विकसित देशों के निवासियों को 47 दिनों तक इस तापमान का सामना करना पड़ा। वहीं छोटे द्वीप के विकासशील राज्यों को 65 दिनों की अत्यधिक गर्मी का सामना करना पड़ा।

अपनी प्रतिक्रिया देते हुए क्लाइमेट सेंट्रल में विज्ञान के उपाध्यक्ष डॉ. एंड्रयू पर्शिंग ने कहा, "पृथ्वी पर लगभग कोई भी पिछले तीन महीनों में ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव से बच नहीं पाया है। हमने ऐसा तापमान देखा जो बिना मानव जनित जलवायु परिवर्तन के लगभग असंभव, या फिर बहुत मुश्किल, हैं। यह तापमान उन जगहों पर भी देखे गए जहां साल के इस समय में आमतौर पर ठंडक होती है। हमारे अनुसार कार्बन प्रदूषण इस रिकॉर्ड तोड़ गर्मी का मुख्य कारण है।''

अध्ययन में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को मापने के लिए जलवायु परिवर्तन सूचकांक का उपयोग किया गया। यह एक ऐसी विधि है जो मॉडलों और अवलोकनों को जोड़कर यह निर्धारित करती है कि स्थानीय दैनिक तापमान कार्बन प्रदूषण से प्रभावित होने की कितनी संभावना है। परिणामों को 1 (कम से कम 1.5 गुना अधिक संभावित) से 5 (कम से कम 5 गुना अधिक संभावित) के पैमाने पर स्कोर किया जाता है, जो दर्शाता है कि कितना जलवायु परिवर्तन अत्यधिक तापमान को अधिक सामान्य बनाता है।

@Climateकहानी