शिक्षक वही जो मोमबत्ती बनकर दूसरों को रोशन करें : डॉ. अरुण कुमार सिंह
- Post By Admin on Sep 04 2025

बेंगलुरु : होमियोपैथिक चिकित्सक और क्रॉनिक डिजीज एवं किडनी स्टोन विशेषज्ञ डॉ. अरुण कुमार सिंह ने शिक्षक दिवस के अवसर पर पूरे भारत के शिक्षकों के साथ ही आम जनता को भी शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज के निर्माता होते हैं और उनके बिना कोई भी समाज सही दिशा में प्रगति नहीं कर सकता।
डॉ. सिंह ने भारत के महान शिक्षक और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करते हुए बताया कि 5 सितंबर का दिन शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को समर्पित है। 1954 में डॉ. राधाकृष्णन को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था। वे केवल राजनीतिज्ञ नहीं बल्कि एक बेहतरीन शिक्षक, विद्वान और दार्शनिक भी थे। उनके जीवन और शिक्षण के दृष्टिकोण ने देश में शिक्षा की अलख जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉ. अरुण कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षक बच्चों को केवल शिक्षा नहीं देते बल्कि उनके व्यक्तित्व और संस्कारों का निर्माण भी करते हैं। एक शिक्षक मित्र, मार्गदर्शक और दार्शनिक की तरह छात्रों के जीवन को आकार देता है। उन्होंने बताया कि डॉ. राधाकृष्णन ने अपने जन्मदिन के बजाय इस दिन को पूरे देश के शिक्षकों के सम्मान में मनाने की परंपरा शुरू की थी, ताकि शिक्षक दिवस का संदेश सभी तक पहुंचे।
डॉ. सिंह ने आगे कहा कि एक अच्छे शिक्षक में विषय का गहन ज्ञान, प्रभावी संचार कौशल, धैर्य, सहानुभूति और छात्रों को प्रेरित करने की क्षमता होनी चाहिए। शिक्षक बच्चों के नैतिक और व्यक्तिगत विकास पर ध्यान देते हुए उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाने में मदद करता है। उन्होंने अपने जीवन के गुरुओं को याद करते हुए कहा कि उनके ज्ञान और मार्गदर्शन ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया है।
अंत में डॉ. अरुण कुमार सिंह ने सभी शिक्षकों को उनके समर्पण और योगदान के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, “एक अच्छा शिक्षक मोमबत्ती की तरह होता है, जो दूसरों को रोशनी देने के लिए खुद जलता है। ऐसे शिक्षकों को सलाम और हार्दिक शुभकामनाएँ।”