2025 में इन्फ्लूएंजा ए वायरस, क्या बर्ड फ्लू बन सकता है सबसे बड़ी समस्या 

  • Post By Admin on Jan 03 2025
2025 में इन्फ्लूएंजा ए वायरस, क्या बर्ड फ्लू बन सकता है सबसे बड़ी समस्या 

कोविड-19 के वैश्विक प्रकोप के बाद, दुनिया भर के स्वास्थ्य अधिकारी अब अगले संभावित वैश्विक संकट की तैयारी में जुटे हैं। 2025 में सबसे बड़ी चुनौती इन्फ्लूएंजा ए वायरस (Influenza A Virus) के रूप में सामने आ सकती है।विशेष रूप से एच5एन1 उपस्वरूप जिसे “बर्ड फ्लू” के नाम से भी जाना जाता है। यह वायरस पहले पक्षियों में फैलता है, लेकिन हाल ही में यह मवेशियों और घोड़ों तक भी पहुंच चुका है। जिससे इसकी मानवों में फैलने की संभावना को लेकर चिंता बढ़ गई है।

बर्ड फ्लू का खतरा और मानव संक्रमण

इन्फ्लूएंजा ए (एच5एन1) वायरस ने इस वर्ष अमेरिका में 61 मामलों को जन्म दिया है, जो पिछले वर्षों के मुकाबले काफी बढ़ोतरी है। ये मामले मुख्य रूप से कृषि श्रमिकों के संक्रमित मवेशियों से संपर्क और कच्चे दूध के सेवन से हुए हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि यह वायरस अभी तक एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैल रहा है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। मनुष्यों में बर्ड फ्लू के संक्रमण की मृत्यु दर 30 प्रतिशत तक हो सकती है। जिससे इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य की प्राथमिक चिंताओं में से एक माना जाता है।

वायरस के म्यूटेशन से बढ़ सकता है खतरा

सभी इन्फ्लूएंजा वायरस में म्यूटेशन (उत्परिवर्तन) की प्रक्रिया होती है। जिससे वायरस अपनी संरचना को बदलता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह सामने आया है कि एच5एन1 वायरस में भी उत्परिवर्तन हो रहा है। जिससे यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की क्षमता विकसित कर सकता है। अगर ऐसा हुआ, तो यह महामारी के रूप में फैल सकता है और इससे वैश्विक स्तर पर व्यापक स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो सकता है।

पशुओं के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव

हालांकि बर्ड फ्लू अभी मनुष्यों में महामारी का रूप नहीं ले रहा है, लेकिन इसका प्रभाव पशु स्वास्थ्य पर स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। अमेरिका में मवेशियों, मुर्गों और घोड़ों में इसके संक्रमण के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं। यह न केवल पशु स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है, बल्कि खाद्य आपूर्ति और कृषि अर्थव्यवस्था पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है। इससे खाद्य संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जो आर्थिक अस्थिरता का कारण बनेगा।