सरकार ने हाई-डोज निमेसुलाइड दवाओं पर लगाई रोक, सुरक्षित विकल्प उपलब्ध

  • Post By Admin on Dec 31 2025
सरकार ने हाई-डोज निमेसुलाइड दवाओं पर लगाई रोक, सुरक्षित विकल्प उपलब्ध

नई दिल्ली : सरकार ने दर्द और बुखार की उन सभी ओरल दवाओं पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है, जिनमें निमेसुलाइड 100 मिलीग्राम से अधिक मात्रा में होता है और जो तुरंत असर करने वाली (इमीडिएट-रिलीज) होती हैं। यह प्रतिबंध ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 26ए के तहत लागू किया गया है और ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) की सलाह के बाद उठाया गया कदम है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि उच्च मात्रा वाली निमेसुलाइड दवाएं इंसानों के लिए जोखिम भरी हो सकती हैं और इसके सुरक्षित विकल्प पहले से मौजूद हैं। निमेसुलाइड एक नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा (एनएसएआईडी) है, जिसे दुनिया भर में लिवर पर संभावित नुकसान और अन्य दुष्प्रभावों के कारण लेकर सावधानी बरतने की चेतावनी दी जाती रही है।

यह प्रतिबंध केवल हाई-डोज दवाओं पर लागू होगा। कम मात्रा वाली दवाएं और अन्य इलाज के विकल्प बाजार में जारी रहेंगे। अधिसूचना के अनुसार, दवा कंपनियों को उत्पादन बंद करना होगा और बाजार में मौजूद प्रभावित बैच वापस मंगाने होंगे।

विश्लेषकों का मानना है कि बड़े फार्मा कंपनियों पर इसका आर्थिक असर कम रहेगा, क्योंकि कुल एनएसएआईडी बिक्री में निमेसुलाइड का हिस्सा सीमित है। हालांकि, छोटी कंपनियों के लिए जिनकी कमाई इस दवा पर निर्भर है, यह चुनौती बन सकती है।

सरकार ने बताया कि बल्क ड्रग पार्क योजना के तहत पिछले साढ़े तीन साल में 4,763.34 करोड़ रुपए का निवेश किया गया, ताकि देश में दवाओं के कच्चे माल का उत्पादन बढ़ाया जा सके। यह उपलब्धि नए ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स के लिए तय 4,329.95 करोड़ रुपए के लक्ष्य से अधिक है।

बल्क ड्रग्स के लिए पीएलआई योजना का उद्देश्य जरूरी दवाओं में इस्तेमाल होने वाले महत्वपूर्ण एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट (एपीआई) की सप्लाई में किसी एक देश या स्रोत पर अत्यधिक निर्भरता कम करना है। इस योजना का कुल बजट 6,940 करोड़ रुपए है।