बार-बार मुंह में हो रहे छाले पित्त असंतुलन का संकेत, अनदेखी पड़ सकती है भारी
- Post By Admin on Dec 29 2025
नई दिल्ली : मुंह में होने वाले छालों को अक्सर लोग पेट की मामूली गर्मी मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार बार-बार छाले होना शरीर में गहरे असंतुलन का संकेत हो सकता है। लगातार छाले न केवल दर्द और जलन बढ़ाते हैं, बल्कि पाचन तंत्र से जुड़ी गंभीर समस्याओं की ओर भी इशारा करते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मुंह के छालों के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें खराब पाचन, पेट की अत्यधिक गर्मी, कब्ज, विटामिन बी12 की कमी, अधिक मसालेदार भोजन और मुंह में संक्रमण शामिल हैं। आयुर्वेद के अनुसार, मुंह के छालों को शरीर में पित्त की अधिकता से जोड़ा जाता है। जब पित्त असंतुलित हो जाता है, तो इसका असर मुंह के भीतर छालों के रूप में दिखाई देता है।
आयुर्वेदिक मान्यता के मुताबिक, अगर पित्त की समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो छाले केवल मुंह तक सीमित नहीं रहते, बल्कि गंभीर स्थिति में श्वसन नली तक पहुंच सकते हैं और पेट में अल्सर जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में बार-बार होने वाले छालों को हल्के में लेना नुकसानदायक हो सकता है।
छालों से राहत के लिए आयुर्वेद में कुछ घरेलू उपायों का उल्लेख किया गया है। इनमें मुलेठी पाउडर और शहद का सेवन, त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लेना और नियमित रूप से नारियल पानी पीना शामिल है। ये उपाय पेट की गर्मी को शांत करने और पाचन सुधारने में सहायक माने जाते हैं। इसके अलावा, अधिक छाले होने पर जीभ पर घी और मिश्री लगाने या फिटकरी मिले पानी से कुल्ले करने से भी राहत मिल सकती है।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि उपचार के साथ-साथ खानपान में सावधानी बेहद जरूरी है। अत्यधिक मिर्च-मसालेदार और गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए, जबकि दही, छाछ, ठंडे फल और तरल पदार्थों को आहार में शामिल करना लाभकारी हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि यदि मुंह के छाले सात दिन से अधिक समय तक ठीक न हों, बार-बार उभरें या अत्यधिक दर्द और जलन हो, तो इसे नजरअंदाज करने के बजाय डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए।