भारत के छोटे शहरों में बड़ा उछाल : टियर-2 और टियर-3 शहर बन रहे नए रोजगार हब, दिल्ली-मुंबई जाना अब जरूरी नहीं
- Post By Admin on Jul 16 2025
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नई दिल्ली : भारत के गैर-मेट्रो शहर अब सिर्फ सांस्कृतिक पहचान या पर्यटन केंद्र नहीं रह गए हैं, बल्कि अब ये शहर रोजगार और प्रतिभा के नए केंद्र के रूप में उभर रहे हैं। लिंक्डइन की ताज़ा "सिटीज़ ऑन द राइज़" रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में तेजी से रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और यहां की स्थानीय प्रतिभाएं बड़े शहरों की ओर पलायन के बिना ही अपने करियर को नई ऊंचाई दे रही हैं।
ये शहर बन रहे हैं नए रोजगार गंतव्य
रिपोर्ट में विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, रायपुर, नासिक और रांची को सबसे तेजी से बढ़ते रोजगार केंद्रों के रूप में बताया गया है। साथ ही राजकोट, आगरा, मदुरै, वडोदरा और जोधपुर को भी उभरते अवसरों के शहर के रूप में चिन्हित किया गया है।
सरकारी योजनाओं और निवेशों ने दी रफ्तार
लिंक्डइन इंडिया की संपादकीय प्रमुख निराजिता बनर्जी ने कहा कि इन शहरों की प्रगति का श्रेय केंद्र और राज्य सरकारों की स्थानीय विकास नीतियों, एमएसएमई सेक्टर में तेजी, और जीसीसी (ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर) निवेश को जाता है। यह समन्वित प्रयास छोटे शहरों को "सीरियस करियर डेस्टिनेशन" में बदल रहे हैं।
अब नहीं करनी होगी मेट्रो सिटी की दौड़
बनर्जी ने आगे कहा, “आज के युवा प्रोफेशनल्स के लिए करियर में तरक्की पाने के लिए दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु जाना जरूरी नहीं रह गया है। ये उभरते छोटे शहर अब हर क्षेत्र में नए अवसर पैदा कर रहे हैं।”
टेक, फार्मा और फाइनेंस कंपनियों का बढ़ता आकर्षण
रिपोर्ट बताती है कि डेटा, AI, हेल्थकेयर और फाइनेंस सेक्टर की कंपनियां तेजी से इन शहरों में अपने ऑपरेशन सेटअप कर रही हैं।
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विशाखापत्तनम और वडोदरा में फार्मा और हेल्थ कंपनियां निवेश कर रही हैं।
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रायपुर, आगरा और जोधपुर जैसे शहरों में बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज का विस्तार हो रहा है।
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इंजीनियरिंग सेक्टर में सबसे अधिक रोजगार विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा और मदुरै जैसे शहरों में मिल रहे हैं।
बिजनेस डेवलपमेंट और एजुकेशन में भी उछाल
रिपोर्ट के अनुसार, नासिक, रायपुर, राजकोट, वडोदरा और आगरा जैसे शहरों में बिजनेस डेवलपमेंट से जुड़ी भूमिकाओं की सबसे अधिक मांग है। वहीं बिक्री, संचालन और शिक्षा भी वो क्षेत्र हैं जिनमें युवा पेशेवरों के लिए बेहतर मौके उपलब्ध हो रहे हैं।
भारत का आर्थिक नक्शा बदल रहा है। अब विकास केवल मेट्रो सिटी तक सीमित नहीं, बल्कि छोटे शहरों में भी करियर की नई लहर दौड़ रही है। यह न सिर्फ रोजगार के विकेंद्रीकरण की ओर संकेत करता है, बल्कि देश के संतुलित विकास की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम है।