BEd डिग्रीधारकों के लिए बड़ी राहत, अब CTET और TET की जरूरत नहीं
- Post By Admin on Feb 24 2025
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नई दिल्ली : शिक्षा मंत्रालय ने बी.एड डिग्रीधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसके तहत अब उन्हें सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) और शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को पास करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस फैसले से लाखों उम्मीदवारों को राहत मिली है, जो इन परीक्षाओं को पास करने में विफल हो रहे थे।
सीटीईटी और टीईटी का उद्देश्य शिक्षण क्षेत्र में गुणवत्ता सुनिश्चित करना था, लेकिन समय के साथ यह देखा गया कि इन परीक्षाओं के कारण कई योग्य बी.एड डिग्रीधारक शिक्षक बनने से वंचित रह जाते थे। अब बी.एड डिग्रीधारक बिना किसी अतिरिक्त परीक्षा के सरकारी स्कूलों में सीधे शिक्षक पद के लिए आवेदन कर सकेंगे।
नया नियम : शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में तेजी
यह नया नियम न केवल उम्मीदवारों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को भी सरल और पारदर्शी बनाएगा। इससे सरकारी स्कूलों में रिक्त पदों को तेजी से भरा जा सकेगा और योग्य शिक्षकों की उपलब्धता भी बढ़ेगी। यह निर्णय खासकर उन उम्मीदवारों के लिए फायदेमंद होगा, जो बार-बार इन परीक्षाओं में असफल हो रहे थे और अब उन्हें सीधे शिक्षण क्षेत्र में प्रवेश मिलेगा।
तीन प्रमुख श्रेणियां लाभान्वित होंगी
- यह निर्णय विशेष रूप से तीन श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए वरदान साबित होगा
- बी.एड डिग्रीधारक, जो पहले से ही शिक्षण क्षेत्र में प्रवेश करना चाहते थे।
- वे उम्मीदवार जो बार-बार सीटीईटी या टीईटी में असफल हो रहे थे।
- नए बी.एड स्नातक, जो अब सीधे शिक्षक पद के लिए आवेदन कर सकेंगे।
राज्यों को लागू करने का अधिकार
हालांकि यह केंद्रीय निर्णय है, लेकिन राज्यों को इसे लागू करने के लिए अपने स्तर पर अधिकार होगा। राज्य अपने विशेष दिशा-निर्देशों के तहत अतिरिक्त मानदंड तय कर सकते हैं। इसलिए, उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे अपने राज्य के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
शिक्षण गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा
इस नए नियम के साथ, सरकार शिक्षण की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए अन्य मानकों पर भी जोर दे रही है। बी.एड पाठ्यक्रम की गुणवत्ता, प्रशिक्षण की प्रभावशीलता और नियमित मूल्यांकन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि केवल योग्य शिक्षक ही कक्षाओं में पढ़ा सकें और शिक्षा की गुणवत्ता बनी रहे।
शिक्षण क्षेत्र में नए अवसर
यह निर्णय शिक्षा क्षेत्र में नए अवसर खोलेगा और शिक्षकों की भर्ती में तेजी लाएगा। साथ ही, यह कदम शिक्षा क्षेत्र में नवाचार और प्रयोगों को बढ़ावा देगा, जिससे शिक्षण का स्तर और बेहतर हो सकेगा।
सीटीईटी और टीईटी की अनिवार्यता समाप्त करने का यह निर्णय शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुधार है, जो न केवल बी.एड डिग्रीधारकों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि देश भर में शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।