ओली के इस्तीफे के बाद जनता की तीखी प्रतिक्रिया : भ्रष्टाचार और दमनकारी शासन का अंत बताया
- Post By Admin on Sep 09 2025

काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे ने देशभर में जनता के बीच मिश्रित प्रतिक्रिया पैदा कर दी है। जहां एक ओर लोगों ने इसे राहत की सांस के तौर पर देखा, वहीं कई लोगों का कहना है कि यह कदम देर से उठाया गया। जनता का आरोप है कि ओली सरकार ने न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया बल्कि दमनकारी रवैया अपनाकर युवाओं की आवाज दबाने की कोशिश की।
सामान्य नागरिकों का कहना है कि ओली का जाना तय था। एक निवासी ने कहा, “ओली का अहंकार अब राख में बदल गया। उन्होंने जनता को नजरअंदाज किया और अपनी सत्ता बचाने में लगे रहे। आखिरकार जनता ने उन्हें नीचे उतार दिया।”
विरोध-प्रदर्शनों में शामिल युवाओं का कहना है कि यह आंदोलन सिर्फ एक प्रधानमंत्री को हटाने का नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के नेतृत्व की ओर बढ़ने का संकेत है। एक छात्र नेता ने कहा, “जनरेशन-जी हर दिन सड़कों पर है। अब देश का भविष्य हमारे हाथ में होगा। यह सिर्फ शुरुआत है।”
गोलीबारी में मारे गए 19 प्रदर्शनकारियों के बाद लोगों में गुस्सा और तेज हो गया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “निहत्थे युवाओं पर गोलियां चलाना अस्वीकार्य है। ओली के पास कोई रास्ता नहीं था, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया।”
काठमांडू और कई अन्य शहरों में लोग ओली के खिलाफ नारों के साथ सड़कों पर उतरे। संसद भवन और सिंह दरबार जैसे प्रशासनिक ठिकानों को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। कई मंत्रियों के इस्तीफों के बाद ओली पर दबाव और बढ़ गया था।
इस बीच, स्थानीय मीडिया में काठमांडू के मेयर बालेन शाह को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, राजनीतिक अस्थिरता और जनता के गुस्से के बीच नेपाल का अगला कदम क्या होगा, यह देखना बाकी है।