लखीसराय में अवैध लाल बालू उत्खनन बेधड़क जारी, पुलिस ने जब्त किया ट्रैक्टर
- Post By Admin on Jun 15 2025
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लखीसराय : जिले के किऊल नदी किनारे चल रहे अवैध लाल बालू उत्खनन पर प्रशासनिक कार्यवाई के बावजूद माफियाओं के हौसले कम होते नजर नहीं आ रहे हैं। तेतरहट थाना क्षेत्र में शनिवार, 14 जून को सहायक पुलिस पदाधिकारी सूर्यनारायण यादव के नेतृत्व में की गई छापेमारी के दौरान बालू लदे एक ट्रैक्टर (BR46G-9508) को जब्त किया गया। ट्रैक्टर की संदिग्ध गतिविधियों की पुष्टि GPS ट्रैकिंग और राजस्व विभाग की रिपोर्ट से भी हुई है।
इस कार्यवाई में पुलिस ने सीज़र लिस्ट तैयार कर आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक जब्त किए गए ट्रैक्टर पर न सिर्फ अवैध बालू लदी थी, बल्कि इसका संचालन एक संगठित गिरोह द्वारा किए जाने के प्रमाण भी सामने आए हैं। मामले में खनन विभाग की ओर से भी जांच चल रही है।
खनन माफिया का मजबूत नेटवर्क, प्रशासन मौन
स्थानीय लोगों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि किऊल नदी के किनारे पानी से बालू छानने से लेकर ट्रैक्टर, ठेला और हाइवा के जरिए दिन-रात बालू की ढुलाई हो रही है। प्रशासनिक सख्ती केवल कागजों तक सीमित है। अधिकारियों की निष्क्रियता और कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों की चुप्पी से माफियाओं को अप्रत्यक्ष समर्थन मिलता दिख रहा है।
पर्यावरण को गहरा खतरा
पर्यावरणविदों ने चिंता जताते हुए कहा है कि जिस तरह से लाल बालू का अंधाधुंध दोहन हो रहा है, वह आने वाले समय में क्षेत्र को सूखा और जलस्तर गिरने जैसी गंभीर समस्याओं की ओर धकेल सकता है। उनका कहना है कि यह स्थिति "आ बैल मुझे मार" जैसी है, जहां धरती की कोख को खोखला कर विकास के नाम पर विनाश को न्योता दिया जा रहा है।
जनहित में उठे सवाल
अब बड़ा सवाल यह है कि –
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क्या प्रशासन इस अवैध खनन रैकेट को पूरी तरह खत्म करने की दिशा में ठोस कार्यवाई करेगा?
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क्या बालू तस्करी में संलिप्त अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की भूमिका की निष्पक्ष जांच होगी?
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और क्या पर्यावरणीय क्षति की भरपाई के लिए जिम्मेदारों को दंडित किया जाएगा?
जवाबदेही तय करना अब प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है, वरना यह माफिया नेटवर्क कानून व्यवस्था और पर्यावरण दोनों के लिए घातक साबित हो सकता है।