आशुतोष शाही हत्याकांड : जाने मंटू शर्मा और गोविंद कैसे पुलिस के हत्थे चढ़ गए

  • Post By Admin on Aug 04 2023
आशुतोष शाही हत्याकांड : जाने मंटू शर्मा और गोविंद कैसे पुलिस के हत्थे चढ़ गए

मुजफ्फरपुर: बिहार एसटीएफ को एक सुराग के जरिए मालूम हुआ कि प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही की हत्या में मुख्य आरोपी प्रद्युमन शर्मा, जिन्हें मंटू शर्मा के नाम से भी जाना जाता है, और गोविंद के रामेश्वरम पहुंचने का सटीक नक्शा टैक्सी बुकिंग के माध्यम से प्राप्त हुआ था। जब टैक्सी चालक को प्रद्युमन शर्मा और गोविंद की तस्वीर दिखाई गई, तो उन्होंने मंटू और गोविंद को रामेश्वरम होटल जाने की जानकारी दी। इसके बाद, मंटू और गोविंद को होटल से दबोचा गया।

इस दुर्भाग्यपूर्ण हत्या मामले में, मंटू और गोविंद की गिरफ्तारी को आगे बढ़ाने के लिए एडीजी ऑपरेशन के तहत संभावित चुनौती को देखते हुए एडीजी सुशील मानसिंह खोपड़े ने पूरी तरह से प्रमुखता संभाली। वह अपने अभियान के क्रियान्वयन में सजग रहे और हर कदम पर जुटी जानकारियों के साथ डीजीपी आरएस भट्टी को सूचित किया। आरएस भट्टी ने उनके सहायक तथा विचारकों के साथ मिलकर कठिन कार्यों को सुनिश्चित किया और महत्वपूर्ण दिशानिर्देश प्रदान किए। मंटू और गोविंद की गिरफ्तारी के प्रक्रियान्वयन से जुड़े सर्वोत्तम आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, हत्या के बाद मंटू के लगभग 70 रिश्तेदार और जानकारों के मोबाइल फोन सर्विलांस पर रखे गए थे। उनके खिलाफ किए गए कदमों की निगरानी के लिए मंटू के सहायकों के मोबाइल कॉल्स के साथ-साथ उनकी कार के फास्ट टैग द्वारा संबंधित खाते की जांच की जा रही थी। उनकी चाल के साथ कितने टोल बार पार किए जा रहे हैं, सभी की निगरानी की जा रही थी। छह शहरों के रेलवे स्टेशन पर और एयरपोर्ट की सीसीटीवी कैमरों से भी मूल्यवान जानकारियाँ प्राप्त की जा रही थी। उन्हें यह आशंका थी कि मंटू और गोविंद अपने पहचान को छिपाने के लिए अलग-अलग नामों का इस्तेमाल कर सकते हैं, और इसके लिए वे छद्म दस्तावेजों का भी उपयोग कर सकते हैं। इस प्रकार, पूरे ऑपरेशन के दौरान, सभी तरह की सूचनाओं का संवर्धन आरएस भट्टी की देखरेख में किया गया था। मंटू ने आशुतोष की हत्या के बाद लखनऊ, दिल्ली, बंगलुरु, और चेन्नई में विमान यात्रा की थी।

ऐसे की गई थी लोकेशन की ट्रैकिंग

रंगदारी कांड में मंटू शर्मा की जमानत की प्रक्रिया के दौरान पुलिस द्वारा उनके जमानत दस्तावेज की जांच की गई थी। इस प्रक्रिया के बाद, मंटू के परिवार, उनकी पत्नी और बच्चों के मोबाइल नंबर की जानकारी बिहार एसटीएफ को सूचित की गई थी। ये नंबरों पर आने वाली हर कॉल को निगरानी की गई थी। व्हाट्सएप और इंटरनेट कॉलिंग के कारण लोकेशन की प्राप्ति कठिनाईयों के साथ थी। इस मामले में, एसटीएफ के अधिकारियों ने व्हाट्सएप के मुख्यालय से संपर्क स्थापित किया और इसके बाद कॉल और व्हाट्सएप चैटिंग की ट्रैकिंग की गई थी।

सीसीटीवी में दिखा मंटू

मंटू शर्मा के गैंग के सदस्यों से पुलिस को मिली थी जानकारी कि वह तीर्थ धामों की यात्रा पर जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, बिहार एसटीएफ ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से उनकी गतिविधियों का निगरानी किया। रामेश्वरम में भी, सीसीटीवी कैमरों द्वारा मंटू और गोविंद का पता लगाया गया था।

इसके बाद, उनके होटल में ठहरने की जानकारी प्राप्त की गई।