Axiom-4 मिशन से शुभांशु शुक्ला की धरती पर वापसी टली, खराब मौसम और तकनीकी दिक्कत बनीं वजह

  • Post By Admin on Jul 10 2025
Axiom-4 मिशन से शुभांशु शुक्ला की धरती पर वापसी टली, खराब मौसम और तकनीकी दिक्कत बनीं वजह

नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की पृथ्वी पर वापसी अब तय समय से कुछ दिन और टल सकती है। Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद शुक्ला और उनकी टीम की वापसी में मौसम और तकनीकी कारणों से देरी की आशंका जताई जा रही है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने स्पष्ट किया है कि मिशन का दल अब 14 जुलाई 2025 से पहले पृथ्वी पर नहीं लौट पाएगा।

25 जून को हुआ था लॉन्च
Axiom-4 मिशन 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट के ज़रिए लॉन्च हुआ था। इस मिशन में भारत के शुभांशु शुक्ला के अलावा अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन (कमांडर), पोलैंड के स्लावोस उज़नान्स्की-विस्निव्स्की और हंगरी के टिबोर कपु भी शामिल हैं। उन्हें 12 दिनों तक अंतरिक्ष स्टेशन पर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों और तकनीकी परीक्षणों के लिए भेजा गया था।

इन कारणों से टली वापसी:

  • मौसम बना बड़ी बाधा

Axiom-4 का दल SpaceX के 'ड्रैगन कैप्सूल ग्रेस' के ज़रिए पृथ्वी पर लौटेगा, जिसका सॉफ्ट स्प्लैशडाउन फ्लोरिडा तट के पास अटलांटिक महासागर या मैक्सिको की खाड़ी में तय है। लेकिन इन समुद्री इलाकों में तेज हवाएं, मूसलधार बारिश और तूफान की आशंका बनी हुई है, जिससे स्प्लैशडाउन सुरक्षित नहीं माना जा रहा। इसी कारण मिशन की वापसी में 3 से 4 दिन की देरी की संभावना है।

  • ISS में प्रेशर लीक का अलर्ट

अंतरिक्ष स्टेशन के रूसी मॉड्यूल ‘ज़व्ज़ेदा’ में हाल ही में प्रेशर लीक की समस्या सामने आई थी। भले ही NASA और रूसी स्पेस एजेंसी Roscosmos ने इसकी मरम्मत कर दी हो, लेकिन अब फिर से एक नया प्रेशर सिग्नल रिकॉर्ड हुआ है, जिसकी जांच जारी है। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वापसी प्रक्रिया में कोई जोखिम नहीं लिया जा रहा।

पहले भी हो चुकी है देरी
Axiom-1 मिशन के समय भी खराब मौसम के कारण वापसी टाली गई थी। इसलिए एजेंसियां किसी भी जल्दबाज़ी से बच रही हैं।

कैसे होगी वापसी?
Axiom-4 के अंतरिक्ष यात्री ISS से रवाना होकर 'ड्रैगन कैप्सूल' में सवार होंगे, जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर समुद्र में सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। यह पूरी प्रक्रिया मौसम की अनुकूलता और तकनीकी मंजूरी पर निर्भर करती है।

विशेषज्ञों की राय
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का मानना है कि सुरक्षित वापसी प्राथमिकता है। इसीलिए मौसम और स्टेशन की स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है। शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान भारत के लिए गौरव का क्षण है और उनकी सुरक्षित वापसी को लेकर पूरे देश की निगाहें अब 14 जुलाई की संभावित तारीख पर टिकी हैं।