पांच देशों की ऐतिहासिक यात्रा के बाद भारत लौटे पीएम मोदी, चार राष्ट्रों ने दिए सर्वोच्च सम्मान

  • Post By Admin on Jul 10 2025
पांच देशों की ऐतिहासिक यात्रा के बाद भारत लौटे पीएम मोदी, चार राष्ट्रों ने दिए सर्वोच्च सम्मान

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अपनी पांच देशों की बहुप्रतीक्षित और कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यात्रा के बाद स्वदेश लौट आए। उन्होंने घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की आधिकारिक यात्रा की, जहां उन्हें अभूतपूर्व स्वागत, सम्मान और वैश्विक मंचों पर भारत की आवाज को मजबूती से रखने का अवसर मिला।

विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी की इस यात्रा को "पूर्ण रूप से सफल और ऐतिहासिक" करार दिया है, जिसने ग्लोबल साउथ में भारत की भूमिका को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।

17 विदेशी संसदों में भाषण देने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री

इस यात्रा के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने विदेशी संसदों में दिए गए भाषणों की संख्या 17 तक पहुंचा दी, जो कांग्रेस के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के कुल रिकॉर्ड के बराबर है। यह आंकड़ा भारत की बदलती कूटनीति और विश्व मंच पर तेजी से उभरते आत्मविश्वास को दर्शाता है।

चार देशों ने दिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान

प्रधानमंत्री मोदी को इस यात्रा के दौरान चार देशों ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से सम्मानित किया, जिनमें:

  • घाना: ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना

  • ब्राजील: ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस

  • त्रिनिदाद एंड टोबैगो: ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो (यह सम्मान पाने वाले वे पहले विदेशी नेता बने)

  • नामीबिया: ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशिएंट वेल्विट्चिया मिराबिलिस

इन सम्मानों के साथ पीएम मोदी को अब तक 27 वैश्विक नागरिक सम्मानों से नवाज़ा जा चुका है।

त्रिनिदाद में बोले मोदी, "ये कुर्सी दोस्ती का प्रतीक है"

त्रिनिदाद एंड टोबैगो की संसद में 180 वर्षों पहले वहां पहुंचे पहले भारतीय समुदाय के सम्मान में हुए विशेष कार्यक्रम में मोदी ने कहा, “मैं उस स्पीकर की कुर्सी के सामने खड़ा हूं जो भारत ने 1968 में तोहफे में दी थी—यह समय की कसौटी पर खरी उतरने वाली दोस्ती का प्रतीक है।”

नामीबिया की संसद में गूंजे "मोदी, मोदी" के नारे

नामीबिया की संसद में जब उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान प्रदान किया गया, तब पूरा सदन "मोदी, मोदी" के नारों से गूंज उठा। अपने संबोधन में उन्होंने लोकतंत्र, तकनीकी साझेदारी और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर साझा आकांक्षाओं की बात की।

भारत की बढ़ती कूटनीतिक पहुंच

विशेषज्ञों के अनुसार, यह यात्रा केवल व्यक्तिगत प्रशंसा तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसने दुनिया भर में भारत की राजनीतिक और कूटनीतिक विश्वसनीयता को और मजबूत किया है। घाना से लेकर नामीबिया तक जिस गर्मजोशी और सम्मान के साथ पीएम मोदी का स्वागत हुआ, वह भारत के प्रति बढ़ते वैश्विक विश्वास का संकेत है।

राजनयिक संतुलन और रणनीतिक साझेदारियों की मजबूत नींव

यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने कृषि, स्वास्थ्य, डिजिटल सहयोग और वैश्विक दक्षिण के मुद्दों पर विभिन्न देशों से समझौते और विचार साझा किए। इससे न केवल भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना मजबूत हुई, बल्कि अफ्रीका और कैरिबियन देशों के साथ भारत के संबंधों को भी नया आयाम मिला।

प्रधानमंत्री मोदी की यह पांच देशों की यात्रा वैश्विक राजनीति में भारत की सशक्त उपस्थिति का प्रतीक बनकर उभरी है। जहां यह दौरा ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा, वहीं इसने यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारत अब सिर्फ एक उभरती अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि एक निर्णायक वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में अपनी भूमिका निभाने को तैयार है।