कतर दौरे के बाद मास्को पहुंचे एस. जयशंकर, लावरोव संग अहम मुद्दों पर होगी वार्ता

  • Post By Admin on Nov 17 2025
कतर दौरे के बाद मास्को पहुंचे एस. जयशंकर, लावरोव संग अहम मुद्दों पर होगी वार्ता

नई दिल्ली/मास्को : भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर सोमवार को रूस की राजधानी मास्को पहुंचे, जहां वह रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों, राजनीतिक कार्यक्रमों और प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर व्यापक समीक्षा करेंगे। यह बैठक दिसंबर में होने वाले राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से पहले दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तालमेल को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

जयशंकर इससे पहले कतर के दोहा में थे, जहां उन्होंने कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी से मुलाकात की और क्षेत्रीय हालात तथा साझेदारी पर चर्चा की।

रूसी विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर बताया कि दोनों नेता न सिर्फ आगामी राजनीतिक कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे, बल्कि भारत-रूस सहयोग के विभिन्न आयामों और अंतरराष्ट्रीय एजेंडे पर भी विचार-विमर्श करेंगे। चर्चा में एससीओ, ब्रिक्स, संयुक्त राष्ट्र और जी20 जैसे बहुपक्षीय ढांचे में साझेदारी भी शामिल होगी।

मास्को में 17-18 नवंबर को होने वाली एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद की बैठक से पहले जयशंकर आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा के मुताबिक, दोनों विदेश मंत्रियों की मुलाकात का केंद्र बिंदु संबंधों की वर्तमान स्थिति और भविष्य की रणनीतिक दिशा तय करना होगा।

गौरतलब है कि जयशंकर ने अगस्त 2025 में अपने पिछले रूस दौरे के दौरान भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (IRIGC-TEC) की बैठक की सह-अध्यक्षता की थी। इसी यात्रा के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव और विदेश मंत्री लावरोव से मुलाकात की थी और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाया था।

इस वर्ष अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच हुई फोन वार्ता में भी दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय एजेंडे की प्रगति की समीक्षा की थी। पीएम मोदी ने पुतिन को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं देते हुए रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई थी। दिसंबर में होने वाले भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन की भारत यात्रा पर भी चर्चा हुई थी।

दिल्ली, मॉस्को और तियानजिन—इन तीन मंचों पर हालिया संपर्कों ने यह संकेत दिया है कि यूक्रेन संकट समेत वैश्विक परिस्थितियों के बीच भारत-रूस संबंधों की रफ्तार बरकरार है और दोनों देश बहुपक्षीय मंचों पर तालमेल बढ़ाने के लिए सक्रिय हैं।